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पुल सिरात की ह़क़ीक़त

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*○بِسْــــــــــــــــــــــمِ اللّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيْم○* 🌷‏اللَّهُمَّ صَلِّ وَسَلِّمْ وِبَارِك عَلَى سَيِّدِنَا مُحَمَّدٍ وَعَلَى آلِه وعِتْرَتِهِ وَاسْقِنَا اللهم مِنْ شَرَابِ مَحَبَّتِكَ وَمَحِبَّتِهِ وَأَمِتْنَا عَلَى اِتِّبَاعِ كِتاَبِكِ وَسُنَّتِهِ وَاِجْعَلْنَا مِنْ اهْلِ خُصُوصِيَّتَهِ وَسَلِّمْ تَسْلِيمًا كَثِيرًا 🌷 #इस्लामी_अक़ाइद_व_मालूमात   : #पुल_सिरात_की_ह़क़ीक़त  #पुल_सिरात_का_मंज़र  नबी पाक صَلَّی اللہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने फ़रमाया : जहन्नम पर एक पुल है जो बाल से ज़्यादा बारीक और तलवार से ज़्यादा तेज़ है , उस पर लोहे के कुंडे और कांटे हैं जिसे अल्लाह पाक चाहेगा यह उसे पकड़ेंगे । लोग उस से गुज़रेंगे , बाज़ पलक झपकने की तरह , बाज़ बिजली की तरह , बाज़ हवा की तरह , बाज़ बेहतरीन और अच्छे घोड़ों और ऊंटों की तरह (गुज़रेंगे) और फ़िरिश्ते कहते होंगे :  ربِّ سلِّم , ربِّ سلِّم (यानी ऐ परवरदिगार सलामती से गुज़ार , ऐ परवरदिगार सलामती से गुज़ार)  बाज़ मुसलमान नजात पाएंगे , बाज़ ज़ख़्मी होंगे , बाज़ औंधे होंगे और बाज़ मुंह के बल ...

हुस्न ए मुस्तफा ﷺ

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हुस्न मुबारक   ﷺ सहाबा-ए-किराम  फरमाते हैं  हमने बड़ी बड़ी हसीन चीज़े देखी मगर हुज़ूर अलैहिस्सलामﷺ से बढ़ कर कोई हसीन नहीं देखा...!  #उठो_हुज़ूर_ﷺ_की_बात_करो चलना मुबारक हुज़ूर अलैहिस्सलाम ﷺ चलते वक़्त क़दम उठा कर  और आगे की तरफ़ झुक कर चलते ऐसा लगता जैसे आपﷺ ऊपर से नीचे उतर रहें हैं ! लुआब मुबारक  हुज़ूर अलैहिस्सलामﷺ लुआब मुबारक को खारे पानी मे डाल दिया करते तो वोह पानी शहद से भी ज्यादा मीठा हो जाया करता! दाढ़ी मुबारक  आका अलैहिस्सलाम ﷺ की दाढ़ी शरीफ़ घनी और सियाह और निहायत ही खूबसूरत थी  और सीना मुबारक को पुर किये हुए थी...!! बाजू मुबारक हुज़ूर अलैहिस्सलाम ﷺ के बाजू मुबारक निहायत सफ़ेद , कलाईयां मुबारक तवील थी और कलाईयों पर बाल थे ! खुतबा मुबारक  आका अलैहिस्सलाम ﷺ जब खुतबा इरशाद फरमाते दूर और नज़दीक वाले सब यक्सां अपनी अपनी जगह पर आपका ﷺ मुकद्दस कलाम सुन लिया करते ! हाथ मुबारक  हुज़ूर अलैहिस्सलामﷺ के हाथ मुबारक खूबसूरत, रेशम से ज्यादा नर्म और खुशबूदार थे , हथेलियां मुबारक पुरगोश्त और कुशादा थी  और अंगुलिया मुबारक लम्बी और ख...