ना कोई गौरा है ना कोई काला है....
ना कोई गौरा है ना कोई काला है......
जब फॉरान की चोटियों से नूरे इस्लाम चमका और घर घर उसके उजाले हुवे तो अरब का सबसे काले रंग #वाला शख्श जिसका नाम था अस्वद... वो हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैही वआलेही वसल्लम की #खिदमत में हाज़िर हुवा.. कोई शख़्श उसको रंगत की स्याही की वजह से क़रीब बिठाने के लिए तैयार नही था, उसने हुजूर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम की खिदमत में आकर अर्ज़ किया के हुज़ूर! अगर मैं #इस्लाम ले आऊँ तो मुझे क्या मिलेगा.? हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने फ़रमाया: "जो अबु बक़र (रज़िअल्लाहु तआला अन्हु) और उमर (रज़िअल्लाहु तआला अन्हु) को मिला है वही तुम्हें मिलेगा...।
जो हुक़ुको फराईज़ उनके हैं, वही #हुक़ुको फराईज़ तेरे होंगे.. जिस सफ़ में वो खड़े होते हैं उसी सफ़ में तू खड़ा होगा... और अगर तू पहले आ जाए और वो बाद में आएँ तो तू अगली सफ़ में खड़ा होगा और वो पिछली सफ़ में खड़े होंगे...।"
उसने कहा की अगर इस्लाम ये है तो में तो फिर दिलो जान से इस दीन को :कुबूल करता हूँ...।
अस्वद तौहीद के फैज़ान से अहमर हो जाता है, गोरी रंगत वालों के साथ कंधे से कन्धा मिला कर खड़ा हो जाता है, ये इस्लाम का दिया हुवा वो दरसे #मसावात है.. कि सब को एक सफ़ में खड़ा कर दिया गया...।
हज़रत-ए-बिलाल हब्शी रज़िअल्लाहु तआला अन्हु और हज़रत-ए-अबुज़र #ग़फ़ारी रज़िअल्लाहु तआला अन्हु में किसी बात पर बहस हो गयी, और गुस्से में आकर हज़रत अबुज़र ने कहा की तू काली माँ का बेटा है .. और हज़रत बिलाल रज़िअल्लाहु तआला अन्हु का दिल टूट टूट गया.. आप हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैही वस्सल्लम की खिदमत में हाज़िर हुवे, और आक़ा ने जब आपको इतना उदास पाया तो पूछा की क्या माज़रा है तब हज़रत बिलाल रज़िअल्लाहु तआला अन्हु ने फ़रमाया कि मुझे ताना मिला है कि तू #काली माँ का बेटा है.. तो आक़ा नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलैहि वआलेही वसल्लम गुस्से में आ गए और फ़रमाया कि जाओ और जाकर अबुज़र को मेरा पैग़ाम दो... कि जिन औरतों का दूध मैंने पिया है उनमे से उम्मे ऐमन ऐसी ख़ातून थीं जिनका रंग गोरा नहीं था.. और जाकर अबुज़र से कहना जो ताना तुझे दिया है वो आके अपने नबी को भी दे...।
जब हज़रत बिलाल हब्शी रज़िअल्लाहु तआला अन्हु हज़रत #अबुज़र रज़िअल्लाहु तआला अन्हु के पास गए और जाकर ये बात कही तो हज़रत अबुज़र ज़ारों कतार रोने लगे... फिर अपना जूता उतार कर हज़रत बिलाल हब्शी रज़िअल्लाहु तआला अन्हु के हाथ में दे कर बोले ये मेरे मुँह पे मलो जिस से मैंने ये बात कही है...।
ये इस्लाम दरसे मसावात है कि इस्लाम ने सभी को एक सफ़ में खड़ा किया... और मयार तक़वा रखा कि तक़वे की बिना पर एक दूसरे पर #फ़ज़ीलत ले सकते हैं वरना सब एक बराबर हैं...।
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