(हुजुर नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम कि साहबज़ादी हजरत रुकाईय्या रज़ियल्लाहु अन्हा )
(हुजुर नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम कि साहबज़ादी हजरत रुकाईय्या रज़ियल्लाहु अन्हा )
हजरत रुकाईय्या रज़ियल्लाहु अन्हा एलान ए नबुवत के सात साल पहले पैदा हुवी और एलान ए नबुवत के पहले ही आपका निकाह अबु लहब का बेटा उतबा से हो चुका था बस रुखसती नही हुवी थी
जब आप सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम ने एलान ए नबुवत किया तो तब अबु लहब ने अपने बेटे को मजबुर करके हजरत रुकाईय्या को तलाक दिलवा दी ,
तो हुजुर नबी ए करीम ने फिर आपका निकाह हजरत उसमान गनी रज़ियल्लाहु अन्हु से कर दिया फिर हब्शा कि हिजरत के दौरान आपका बच्चा नातमाम हो गया और उसके बाद आपको एक बेटा हुवा जिनका नाम हजरत अब्दुल्लाह रखा गया इसी वजह से हजरत उसमान कि कुन्नियत अबु अब्दुल्लाह हुवी और हजरत अब्दुल्लाह छे बरस हयात रहकर विसाल फरमा गये उसके बाद हजरत रुकाईय्या को कोई औलाद नही हुवी और आप जंग ए बद्र के दौरान बिमार हुवी उन्ही कि तिमारदारी कि वजह से हजरत उसमान बद्र मे शरीक ना हो सके फिर भी आपको बद्र का माले गनिमत मे हिस्सा दिया गया और कुछ दिन बाद आप भी विसाल फरमा गयी
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