फ़िरऔन की हलाकत।
*फ़िरऔन की हलाकत*
*〽️हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम* फ़िरऔन और फ़िरऔनियों के ईमान न लाने से मायूस हो गए तो आपने उनकी हलाकत की दुआ की और कहा "ऐ रब हमारे! उनके माल बर्बाद कर दे और उनके दिल सख़्त कर दे के ईमान ना लायें। जब तक दर्दनाक अज़ाब ना देख लें।"
हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम की ये दुआ क़बूल हुई और ख़ुदा ने उन्हें हुक्म दिया के वो बनी इस्राईल को लेकर रातों-रात शहर से निकल जाएँ।
चुनाँचे मूसा अलैहिस्सलाम ने अपने क़ौम को निकल चलने का हुक्म सुनाया और बनी इस्राईल की औरतें फ़िरऔनी औरतों के पास गईं और उनसे कहने लगीं की हमें एक मेले में शरीक होना है, वहाँ पहन कर जाने के लिए हमें
मुसतआर तौर पर अपने जेवरात दे दो।
चुनाँचे फ़िरऔनी औरतों ने अपने-अपने जेवरात उन बनी इस्राईल की औरतों को दे दिए और फिर सब बनी इस्राईल औरतों और बच्चों समेत हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम के साथ रातों-रात निकल गए। उन सब मर्दों, औरतों, छोटों, बड़ों की तअदाद छः लाख थी।
फ़िरऔन को जब उस बात की ख़बर पहुँची तो वो भी रातों-रात ही पीछा करने के लिए तैयार हो गया और अपनी सारी क़ौम को लेकर बनी इस्राईल के पीछे निकल पड़ा। फ़िरऔनियों की तअदाद बनी इस्राईल की तअदाद से दोगूनी थी। सुबह होते ही फ़िरऔन के लश्कर ने बनी इस्राईल का पा लिया।
बनी इस्राईल ने देखा की पीछे फ़िरऔन मअ लश्कर के आ रहा है और आगे दरिया भी आ गया है तो उन्होंने मूसा अलैहिस्सलाम से अर्ज़ किया तो मूसा अलैहिस्सलाम ने अपना असा मुबारक दरिया पर मारा तो दरिया फट गया और उसमें बारह रास्ते ज़ाहिर हो गए और बनी इस्राईल उन रास्तों से दरिया के पार हो गए और जब फ़िरऔनी लश्कर दरिया के किनारे पहुँचा तो वो भी दरिया उबूर करने के लिए, उन रास्तों पर चल पड़े जब फ़िरऔन और उसका सारा लश्कर उन बारह रास्तों में दाखिल हो गया तो ख़ुदा ने दरिया को हुक्म दिया कि वो मिल जाए और उन सब को ग़र्क कर दे।
चुनाँचे दरिया फ़ौरन मिल गया और फ़िरऔन अपने लश्कर समेत दरिया में ग़र्क होकर हलाक हो गया।
*#(क़ुरआन करीम, पारा-11, रूकू-14; रूह-उल-बयान, सफ़ा-761, जिल्द-1)*
*🌹सबक़ ~*
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हद से ज़्यादा कुफ़्र व सरकशी का अंजाम बेहद होलनाक होता है और इस दुनिया में भी हलाकत व बर्बादी का सामना करना पड़ता है।
_*📕»» सच्ची हिकायात ⟨हिस्सा अव्वल⟩, पेज: 94-95, हिकायत नंबर- 81*_
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