मोहब्बत
(सवाल का जवाब )
सबसे पहले तो ये जान लिजिये कि मोहब्बत कि दौ किस्मे है
एक - मोहब्बत ए तबियी या मोहब्बत ए फितरी
मोहब्बत ए फितरी जैसे माँ बाप के दिल मे औलाद कि मोहब्बत ,दौलत कि मोहब्बत ,औरत बच्चे घर कि मोहब्बत ये मोहब्बत ए फितरी है मोहब्बते तबयी है नफ्सानी मोहब्बत है या इसको मोहब्बते मिजाज़ी भी कह सकते है ,,ये मोहब्बत गैर ईख्तोयारी है
दुसरी - मोहब्बते अक्लि ,,इस मोहब्बत ,,ये इख्तियारी मोहब्बत है ,,
इन्सान कि अक्ल का हमेशा से ये तकाज़ा रहा कि
इन्सान हुस्न व जमाल व खुबसुरती से मोहब्बत करता है
और हुजुर अलैहीस्सलाम से बढकर कोई हुस्न व जमाल व खुबसुरत नही देखिये हदीसे बुखारी 👇👇
حَدَّثَنَا أَبُو الْوَلِيدِ ، حَدَّثَنَا شُعْبَةُ ، عَنْ أَبِي إِسْحَاقَ ، سَمِعَ الْبَرَاءَ رَضِيَ اللَّهُ عَنْهُ ، يَقُولُ : كَانَ النَّبِيُّ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ مَرْبُوعًا ، وَقَدْ رَأَيْتُهُ فِي حُلَّةٍ حَمْرَاءَ مَا رَأَيْتُ شَيْئًا أَحْسَنَ مِنْهُ .
यानी - सहाबी फरमाते है कि हुजुर अलैहीस्सलाम दरमियानी कद के थे और आपको मेने देखा आप सुर्ख जोङा पहने हुवे और आपसे ज्यादा हसीन मेने कोई चिज़ नही देखी ( बुखारी हदीस नम्बर 5848)
इन्सान इल्म व हिकमत वालो से मोहब्बत करता है और कुरान हुजुर अलैहीस्सलाम के लिये फरमाता है 👇👇
ؕ وَ اَنۡزَلَ اللّٰہُ عَلَیۡکَ الۡکِتٰبَ وَ الۡحِکۡمَۃَ وَ عَلَّمَکَ مَا لَمۡ تَکُنۡ تَعۡلَمُ ؕ وَ کَانَ فَضۡلُ اللّٰہِ عَلَیۡکَ عَظِیۡمًا
यानी - और आप पर किताब और हिकमत उतारी और आपको तमाम इल्म अता कर दिया जो आप नही जानते थे और अल्लाह का आप पर बङा फज़्ल है
और इन्सान जुदो सखा यानी दरियादीलो से मोहब्बत करता है कन्जुसो से नही और कुरान हुजुर अलैहीस्सलाम के बारे मे फरमाता है 👇👇
وَ لَا تَبۡسُطۡہَا کُلَّ الۡبَسۡطِ
यानी - और आपना हाथ पुरी तरह ना खोलिये ( सुराह बनी इसराईल आयत 29 )
तो आप इतने सखी थे कि सबकुछ बांट देते थे तो रब ने फरमाया कि इतना भी ना खोलिये
इन्सान ज़हद तकवा इबादत रियाज़त से मोहब्बत करता है और कुरान हुजुर अलैहीस्सलाम के बारे मे फरमाता है 👇👇
قُمِ الَّیۡلَ اِلَّا قَلِیۡلًا
यानी - रात मे कियाम किया करो मगर कलिल ( सुराह मुज़म्मिल आयत 2)
तो हुजुर अलैहीस्सलाम इतनी इबादत करते थे कि सारी रात कियाम करते थे तो रब ने फरमाया ऐ मेहबुब थोङा कियाम किया करो कुछ सोया भी किया करो ,,
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