मुंह_बोले_रिश्ते_की_शरई_हक़ीक़त
#मुंह_बोले_रिश्ते_की_शरई_हक़ीक़त.
*इस्लाम में मुंह बोले रिश्तों की कोई हकी़क़त नही यह सिर्फ शैतान का धोखा है, मुंह बोला रिश्ता भी आपके लिए वैसे ही ना महरम है जिस तरह दूसरे लोग हैं।*
*मुख़ातिब करते वक़्त किसी को भाई, बहन या बेटी कहने में कोई हर्ज नही लेकिन मुंह बोले रिश्तों को हक़ीक़ी रिश्तों की तरह समझना, उसी तरह बर्ताव करना और मिलना मिलाना किसी भी तरह मुनासिब नही है लोग कहेंगे फलां शख़्स ने मुंहबोले रिश्तों का बहुत पास रखा और असली रिश्तों से बढ़कर रिश्ता निभाया तो अर्ज़ है कि अगर किसी को शराब पीने से नशा नही होता तो उसके लिए शराब हलाल नही हो जाया करती वह ह़राम है और हराम ही रहेगी।*
*इसी तरह अगर किसी ने मुंह बोली रिश्ते को बहुत अच्छे तरीके़ से निभाया है तो उसकी वजह से वो ह़लाल नहीं हो जाएगा आप दूसरों को भाई, बहन,मां, बाप, बेटी वाली इज़्ज़त ज़रूर दीजिए लेकिन भाई कहने की वजह से सगे भाई जैसा बर्ताव उसी तरह़ मिलना किसी तरह भी बेहतर नही शैतान अपनी चाल चलने के लिए पहले इन्हीं चीज़ों की तरफ़ इंसान का ध्यान लगाता है।*
*हमारे सबसे बड़े ख़ैर ख़्वाह अल्लाह और नबी ए करीम सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम हैं जिस चीज़ को उन्होंने मना कर दिया वो कभी भी हमारे लिए फायदेमंद नहीं हो सकती हैं चाहे हम कितनी ही दलीलें क्यों ना लगाएं।*
_*यह सिर्फ अपने आपको या दूसरों को धोखा देने वाली बातें हैं और कुछ नही।*
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