परेशानियो_के_हल_होने_के_अज़्कार_व_दुआई।

*#परेशानियो_के_हल_होने_के_अज़्कार_व_दुआई*
सीरीज 2
            

किसी भी तरह के ज़मीनी व आसमानी फिर चाहे वो ज़मीन से ठोकर लगने का ज़रर हो या ऊपर से कोई चीज़ गिरने का ज़रर हो- 
फिर चाहे वो जानी नुक़सान हो या माली नुक़सान या कोई और खतरा इनसे महफूज़ रहने के लिये नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम ने हमे ये दुआ अता फरमाई है हदीसे मुबारका में है 👇👇
عَنْ أَبَانَ بْنِ عُثْمَانَ عَنْ أَبِیہِ ‌رضی ‌اللہ ‌عنہ ‌ قَالَ: قَالَ رَسُولُ اللّٰہِ ‌صلی ‌اللہ ‌علیہ ‌وآلہ ‌وسلم مَنْ قَالَ
- हजरत उस्मान रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैही व सल्लम ने फरमाया जो ये कहे 👇👇
بِسْمِ اللّٰہِ الَّذِی لَا یَضُرُّ مَعَ اسْمِہِ شَیْئٌ فِی الْأَرْضِ وَلَا فِی السَّمَائِ وَھٌوَ السَّمِیعُ الْعَلِیمُ
यानी - अल्लाह के नाम के साथ ज़मीन व आसमान की कोई शय नुक़सान नही पहुंचा सकती और वो खूब सुनने वाला और जानने वाला है-

لَمْ یَضُرَّہُ شَیْئٌ
यानी - तो उसे कोई शय नुकसान नही पहुंचा सकती ( मुसनद ए अहमद हदीस नम्बर 5571) 
दुआ एक बार और मुलाहिज़ा फरमाएं 👇👇
بِسْمِ اللّٰہِ الَّذِی لَا یَضُرُّ مَعَ اسْمِہِ شَیْئٌ فِی الْأَرْضِ وَلَا فِی السَّمَائِ وَھٌوَ السَّمِیعُ الْعَلِیمُ
बिस्मिल्लाहिल लज़ी या यदुर्रु म असमिही शैयुन फिल् अर्दी वला फिस्समाइ व हुवस्समिउल अलीम
यानी - अल्लाह के नाम के साथ ज़मीन व आसमान की कोई शय नुक़सान नही पहुंचा सकती और वो खूब सुनने वाला और जानने वाला है-
अबान बिन उस्मान ये हदीस बयान कर रहे थे इन को फ़ालिज हो गया था और सुनने वाला इन की तरफ सवालिया नजर से देखने लग गया था फिर अबान बिन उस्मान ने बताया कि:
       "जिस दिन फ़ालिज हुआ था उस दिन मैं गुस्से में था और यह कलिमात पढ़ना भूल गया था-"
■अबू दाऊद:5088■

जिस शख्स को अरबी ना आती हो वो इसका तर्जुमा याद कर ले और इस दुआ को रोज़ाना का एक मामूल बना ले कम से कम तीन मर्तबा पढ़कर घर से निकले इन शा अल्लाह हर तरह के नुक़सान से महफूज़ रहेगा-
ज़रुरी नही याद करे इस पोस्ट को मोबाइल की नोट बुक में सेव करके रख ले और देखकर पढ़कर निकले आगे पीछे दरुद पढ़ ले एक बार..!!

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