जब हजरत लूत अल्हिस्लाम की कोम ने बेहयाई के काम शुरु किये तो।

जब हजरत लूत अल्हिस्लाम की कोम  ने बेहयाई के काम शुरु किये तो।      आपने  अपनी कोम से फ़रमाया

किया तुम लोग वो बेहयाई  करते हो जो तुमसे पहले जहान में किसी से ना कि  तुम मर्दों के पास सोहवत के लिए जाते हो। औरतें छोड़कर। बल्कि तुम लोग हद से गुजर  गये हो

कुरआन मजीद पारा 8 सूरह अहजाब।  आयत 80 से   81

जब कोम ने हजरत लूत अल्हिस्लाम की नसीहत को ठुकरा दिया।  और अपनी बद अमली पर अड़े रहे  तो अल्लाह रब्बुल आलामीन का    कहर अजाब की सुरत में इस कोम पर नाजिल हुआ।    पहले पत्थरो की बारिश हुई और सदीद पत्थर के बाद के उस पूरी आबादी को फरिश्तो ने उलट पलट कर दिया। जिससे पूरी बस्ती मिट गयी और उसका नाम व निशान सफ़े हस्ती से मिट गया  सिर्फ किताबो के सफाहत पर उनके करतूत ओर उनके अंजाम बद की लकीरें रह गयी

हुजूर  खतामून नबीईन सल्लल्लाहु तआला अल्हि वसल्लम  इस फ़अले बद को ग़ुनाह करार देकर शख्ती के साथ अपनी उम्मत  को इस से मना फ़रमाया।  ओर ऐलान फ़रमाया 

जो कोम लूत का अमल करें वो  मलऊन है

मिश्कात शरीफ जिल्द 2 सफा 313

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