विलाद्ते नबी।
अल्लाह तआला क़ुरआन में इरशाद फरमाता है कि....
ऐ ईमान वालो!
मेरी रहमत और मेरी नेअमतों की खूब चर्चा करो और खुशियाँ मनाओ
हुजूर ﷺ से बढ़ कर ना कोई रहमत है ना कोई नेअमत
وَمَا أَرْسَلْنَاكَ إِلَّا رَحْمَةً لِلْعَالَمِينَ°
तर्जुमा-:और हमने आप कोﷺ तमाम जहानो के लिए रहमत बना कर भेजा.....
وَ اَمَّا بِنِعْمَةِ رَبِّكَ فَحَدِّثْ۠
तर्जुमा-:और अपने रब की नेअमतों की खूब चर्चा कर
बढ़े बदबख्त लोग हैं जो हुजूर ﷺ
की विलादत मुबारक़ की खुशी मनाने के बजाए शैतान की सुन्नत(रोना पीटना) पूरी करते हैं!
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