_*आतशबाजी (पटाखे Fireworks)

_*आतशबाजी (पटाखे Fireworks)*_
―――――――――――――――――――――

_*🎇पटाखे ख़रीदना, बेचना या फोड़ना इस्लामी शरीअत में क्या हुक्म है❓*_

_*पटाखे की इजाद (शोध) किसने की❓*_

_*💡आइये इसके बारे में जानते हैं*_

_*🌹हकीमुल उम्मत मुफ़्ती अहमद यार खान नईमी رحمة الله تعالى عليه अपनी किताब इस्लामी ज़िन्दगी में लिखते है: आतिशबाज़ी के बारे में मशहूर ये है के ये नमरूद काफ़िर बादशाह ने इजाद (शोध) की, उसने हज़रते इब्राहीम عليه السلام को आग में डाला और आग गुलज़ार हो गई  तो उसके आदमियों ने आग के अनार भर कर उनमे आग लगा कर हजरते इब्राहीम खालिलुल्लाह  عليه السلام  की तरफ फैके*_

_*और फरमाते है: आतशबाजी (पटाखे Fireworks) बनाना, इसका बेचना, इसका ख़रीदना और (बच्चो) वगैरा को खरीदवाना इसका चलाना या चलवाना (फोड़ना) सब हराम है.*_

_*📕 इस्लामी ज़िन्दगी 77,78*_

_*मेरे आक़ा, आला हज़रत इमामे अहले सुन्नत, इमाम अहमद रज़ा  खान رحمة الله تعالى عليه  से इस बारे में पूछा गया तो फ़रमाया:*_

_*आतशबाजी (पटाखे वगैरा जलाना) जिस तरह शादियों वगैरा में राइज है बेशक हराम और पूरा जुर्म है के इसमें माल की बरबादी है.*_

_*📕 फतावा रज़विय्या, जिल्द 23, सफहा 279*_

_*मुसलमानों का लाखो रूपया हर साल इस रस्म में बरबाद हो जाता है और हर साल खबरे आती है के फुला जगह से इतने घर आतिशबाज़ी से जल गए और इतने आदमी जल कर मर गए, इसमें जान का खतरा माल की बरबादी  और मकानों में आग लगने का अंदेशा है, और अपने माल में अपने हाथ से आग लगाना और फिर ख़ुदा तआला की नाफ़रमानी का वबाल अपने सर पर डालना है, ख़ुदा के लिए इस बेहूदा और हराम काम से बचो, अपने बच्चो और रिश्तेदारों को रोको जहाँ आवारा बच्चे ये खेल खेल रहे हो वह तमाशा देखने के लिए भी न जाओ.!*_

_*जो लोग पटाखे वगैरा में अपना पैसा बरबाद करते है वो शैतानो के भाई है. जी हाँ! ये किसी के घर की बात नहीं रब्बे अकबर का फरमान है, ऐ मुसलमान!! तेरा रब अपने पाक कलाम में तुझसे फरमा रहा है*_

*وَلَا تُبَذِّرۡ تَبۡذِيرًا إِنَّ ٱلۡمُبَذِّرِينَ كَانُوٓاْ إِخۡوَٰنَ ٱلشَّيَٰطِينِۖ وَكَانَ ٱلشَّيۡطَٰنُ لِرَبِّهِۦ كَفُورٗا*

_*📝तर्जमा: और फुजूल न उड़ा. बेशक फुजूल उड़ाने वाले शैतानो के भाई है और शैतान अपने रब का बड़ा ना शुक्रा है.!*_

_*📕 पारा 15, सूराऐ बनी इसराइल, आयत नं 26, 27*_

_*तुम्हारे नबी अहमदे मुज्तबा, मुहम्मद मुस्तफ़ा صلى الله تعال

Comments

Popular posts from this blog

मसाइले क़ुर्बानी

हज़रत ग़ौस-ए-आज़म रहमतुल्लाह अलैह

रुहानी बीमारियों के 6 कि़समें हैं,