अमल_कि_क्वालिटी आर्टिकल 5.
(#अमल_कि_क्वालिटी)
अब आते है अमल कि क्वालिटी क्या होती है ?
अमल कि क्वालिटी का मतलब क्या है ? इसकी शुरुवात कहा से होती है ?
कोई भी अमल करने से पहले ही उसकी क्वालिटी के बारे मे सोचना ज़रुरी है और उसी पर अमल कि दरो दिवार खङी होती है अमल कि क्वालिटी कि शुरुवात ब्यान करते हुवे कुरान ने हुक्म दिया 👇👇
وَمَا أُمِرُوا إِلَّا لِيَعْبُدُوا اللَّهَ مُخْلِصِينَ لَهُ الدِّينَ حُنَفَاءَ
यानी - और इन लोगो को तो यही हुक्म था कि अल्लाह कि बन्दगी करते निरे उसी के लिये एक तरफ होकर ( सुराह बय्यिनाह 5 का जुज़ )
وَاذْكُرِ اسْمَ رَبِّكَ وَتَبَتَّلْ إِلَيْهِ تَبْتِيلًا
यानी - अपने रब के नाम का ज़िक्र करो सबसे टुट कर ( सुराह मुज़म्मिल आयत 8)
तो ये है अमल कि क्वालिटी कि बुनियाद जिसको ईख्लास कहते है खुलुस कहते है यानी कोई भी अमल करने से पहले निय्यत ये होनी चाहीये कि ये अमल मै अल्लाह कि रज़ा के लिये कर रहा हु ,,कोई शोहरत ,कोई नामो नमुद ,कोई दिखावा ना हो
तो निय्यत सबसे एहम चिज़ है बुखारी शरीफ कि भी सबसे पहली हदीस यही है कि हर अमाल का दारोमदार निय्यत पर है ।
Comments
Post a Comment