अमल_कि_क्वालिटी अर्टिकल 6.

(#अमल_कि_क्वालिटी ) 
और निय्यत के उसुल 

जैसा कि पिछली पोस्ट मे बताया कि अमल कि क्वालिटी कि सबसे पहली बुनियाद निय्यत है और निय्यत सबसे एहम है बुखारी शरीफ कि सबसे पहली हदीस भी यही कहती है
बेशक निय्यत सबसे एहम है लेकिन निय्यत ही सबकुछ है ऐसा भी नही है 
क्योकि अमल कि दुनिया मे अमल तीन तरह के होते है 
१)स्वालेह अमल 
२} मासियत के अमल 
३} इबाहत के अमल 
स्वालेह अमल मे अगर नेक निय्यत है तो सवाब ही सवाब और अगर निय्यत बुरी है तो नेक अमल भी मासियत बन जाएगा यानी गुनाह बन जाएगा 

और अगर बुरे अमल मे निय्यत चाहे कितनी भी अच्छी हो लेकिन उस बुरे अमल को अच्छी निय्यत नेकी नही बना सकता जैसे मिसाल के तौर पर कोई शख्स किसी भुखे को खाना खिलाने के लिये सुव्वर का गोश्त खिला दे तो उसको सवाब नही मिलेगा बल्कि गुनाह ही मिलेगा 
अब वो ये कहे कि मेरी निय्यत तो अच्छी थी भुखे को खाना खिलाने कि थी तो ये अच्छी निय्यत उसको नेकी नही दिला सकती 
इसलिये निय्यत के साथ साथ अमल कि मारेफत भी ज़रुरी है ये है अमल कि क्वालिटी के बाब मे निय्यत के बाद दुसरी क्वालिटी 

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