सफ़र_बहुत_छोटा_है
*#सफ़र_बहुत_छोटा_है...*
एक बुज़ुर्ग औरत बस में सफ़र कर रही थी... अगले पड़ाव पर, एक मज़बूत, ग़ुस्सैल लड़की चढ़ गई और बुज़ुर्ग औरत के बगल में बैठ गई... उस ग़ुस्सैल लड़की ने अपने बैग से कई बार बुज़ुर्ग औरत को चोट पहुंचाई...।
जब उसने देखा कि बुज़ुर्ग औरत चुप है, तो आख़िरकार लड़की ने उनसे पूछा कि:
"जब उसने उसे अपने बैग से मारा तो उन्होंने शिकायत क्यों नहीं की...?"
बुज़ुर्ग औरत ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया:
"इतनी मामूली बात पर चर्चा करने की कोई ज़रूरत नहीं है, क्योंकि आपके बगल में मेरा सफ़र बहुत छोटा है, मैं अगले पड़ाव पर उतरने जा रही हूं...।"
यह जवाब सुनहरे लफ्ज़ों में लिखे जाने लायक है:
"इतनी मामूली बात पर चर्चा करने की कोई ज़रूरत नहीं है, क्योंकि हमारा सफ़र एक-साथ बहुत छोटा है...।"
हम में से हर एक को यह समझना चाहिए कि इस दुनिया में हमारा वक़्त इतना कम है कि इसे बेकार तर्कों, जलन, दुश्मनी, दूसरों को मुआफ़ ना करना, हसद रखना और बुरे बर्ताव वगैरह में खर्च करना... ये सब बेकार में बर्बादी है अपनी ज़िन्दगी की...।
क्या किसी ने आपको धोखा दिया, धमकाया, बेइज़्ज़त किया...? आराम करें... तनावग्रस्त न हों, "सफ़र बहुत छोटा है...।"
हमारे सफ़र की लंबाई कोई नहीं जानता... कोई नहीं जानता कि वह अपने पड़ाव पर कब पहुंचेगा...।
हमारा एक-साथ सफ़र बहुत छोटा है...।
अपनी मुस्कान सबके साथ बाँटिये ना....
Comments
Post a Comment