इश्क़ के बारे में सवाल जवाब
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*_❤️👫🏻 इश्क़ के बारे में सवाल जवाब 💚_*
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*❓सवाल*
```👉🏻जो न चाहते हुए भी बग़ैर किसी ग़ैर शरई़ हरकत के इत्तेफ़ाकिया इश्क बाज़ी में मुब्तला हो जाए क्या वो गुनाहगार हैं?```
*➡जवाब*
```👉🏻वो गुनाहगार नही, क्यूंकि इस में उसका इख़्तियार नही!```
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*❓सवाल*
```👉🏻तो अब जो इश्के मजाज़ी में मुब्तला हो जाए उसे क्या करना चाहिए?```
*➡जवाब*
```👉🏻सब्र करके अज्र (सवाब) कमाना चाहिए!```
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*❓सवाल*
```👉🏻वाह इश्के मजाज़ी के ज़रीए़ सवाब भी कमाया जा सकता हैं?```
*➡जवाब*
```👉🏻क्यूं नही, ये बात याद रखे कि बे इख़्तियार इश्क हो जाने की सूरत में भी सवाब पाने के लिए शरीअ़त की पासदारी ज़रूरी हैं!
👉🏻जैसे अगर मर्द की किसी ग़ैर औ़रत पर अचानक नज़र पड़ गई और फ़ौरन नज़र हटा लेने के बावुजूद अगर वो दिल में गड़ गई और इसके बाद न क़स्दन (न जान बूझ कर) उसका तसव्वुर जमाया और न ही इरादतन उसको देखा, न कभी उससे मुलाक़ात की, न ही फोन पर बात की, ना ही उसको इश्किया ख़त लिखा और ना ही कभी कोई तोहफ़ा भिजवाया अल गरज़ न चाहते हुए भी हो जाने वाले उस इश्क को ऐसा छुपाया कि किसी दुसरे पर तो दूर बल्कि खुद उस लड़की (या लड़के) को भी पता न चलने दिया तो ऐसा "आ़शिके सादिक़" अगर इश्क में घुल घुल कर मर जाए तो शहीद हैं!```
*➡चुनान्चे हुज़ूर रह़मतुल्लिल आ़लमीन صَلَّى اللّٰهُ تَعَالٰى عَلَئهِ وَ اٰلِهٖ وَسَلَّم का फ़रमान हैं:*
```🌹"जो किसी पर आ़शिक हुआ और उसने पाक दामनी इख़्तियार की और इश्क को छुपाया फिर इसी ह़ाल में मर गया तो वो शहादत की मौत मरा!"```
*📚(तारीख़े बग़दाद, जिल्द-13, सफ़ह़ा-185)*
```👉🏻देखा आपने सच्चे आ़शिक़ की ये शर्त़ हैं कि पाकदामनी इख़्तियार करे और अपने इश्क़ को छुपाए रखे तब वो इश्क़ में मरा तो शहीद हैं!```
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*❓सवाल*
```👉🏻तो क्या आ़शिक़ व माशूक़ को आपस में शादी करने से शरीअ़त मना करती हैं?```
*➡जवाब*
```👉🏻अगर कोई शरई़ रुकावट न हो तो शादी कर सकते हैं!
मगर याद रखे, शादी से पहले मुलाक़ात, ख़त व किताबत, फोन पर बातचीत, तोह़फ़ों का लेन देन वग़ैरा ह़राम व जहन्नम में ले जाने वाले काम हैं!
और तोह़फ़ों का लेन देन एक त़रह़ से रिश्वत हैं और गुनाहे कबीरा (बड़ा गुनाह), कत्ई़ ह़राम व जहन्नम में ले जाने वाला काम हैं!```
*➡अल बहरुर्राइक में हैं:*
```👉🏻"आ़शिक़ व माशूक़ आपस में एक दुसरे को जो तोह़फ़े देते हैं वो रिश्वत हैं इनका वापिस करना वाजिब हैं और वो मिल्किय्यत में दाख़िल नही होते!"```
*📚(अल बह़रुर्राइक़, जिल्द-6, सफ़ह़ा-441)*
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*❓सवाल*
```👉🏻इस्लामी बहनें अपने ना मह़रम रिश्तेदार जैसे बहनोई, खालू, फूफा वग़ैरा को नेक निय्यत के साथ किसी मह़रम के ज़रीए़ तोह़फ़ा भिजवा सकती हैं?```
*➡जवाब*
```👉🏻नही भिजवा सकती, तोह़फ़े की तासीर अ़जीब होती हैं!```
*➡ह़दीसे पाक में हैं:*
```🌹"तोह़फ़ा हकीम (यानी अ़क़्ल मन्द व दाना) को अन्धा कर देता हैं!"```
*📚(अल फ़िरदौस बिमअ सूरिल ख़त्त़ाब, जिल्द-4, सफ़ह़ा-335, ह़दीस-6969)*
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*❓सवाल*
```👉🏻बाज़ इश्क़ मिजाज़ लोग बेबाकी के साथ ह़ज़रते सय्यिदुना यूसुफ़ عَلَئهِ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَامٔ और ज़ूलैख़ा का हवाला देते हैं उनको क्या जवाब दिया जाए?```
*➡जवाब*
```👉🏻यक़ीनन वो आ़शिक़ाने नादान सख़्त ख़त़ा पर हैं! अपने नफ़्स की शरारतों के मुआ़मले में शैत़ान की बातों में आकर बे सोचे समझे किसी भी नबी عَلَئهِ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَامٔ के बारे में ज़बान खोलना ईमान के लिए इन्तिहाई ख़तरनाक होता हैं!
याद रखिए, नबी عَلَئهِ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَامٔ की अदना गुस्ताख़ी भी कुफ़्र हैं! ह़ज़रते यूसुफ़ عَلَئهِ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَامٔ अल्लाह عَزَّوَجَلَّ के नबी थे और हर नबी मासूम (गुनाहों से पाक)!
नबी से हरगिज़ कोई मज़्मूम हरकत सादिर नही हो सकती!
इश्क सिर्फ़ ज़ुलैख़ा की त़रफ़ से ही था मतलब एक त़रफ़ा और यूसुफ़ عَلَئهِ الصَّلٰوةُ وَالسَّلَامٔ का दामन इस से यक़ीनन पाक था और कुरआन मजीद में इसका सुबूत भी मौजूद हैं!```
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