कुरबानी_(कुरबानी इतिहास के आईने मे )

#कुरबानी_पोस्ट 1
(कुरबानी इतिहास के आईने मे )

लोग समझते है कि कुरबानी का निज़ाम सिर्फ इस्लाम मे ही है लेकिन ये अच्छी तरह जान लिजिये कि बेशक कुरबानी का निज़ाम इस्लाम से ही शुरु हुवा है यानी हजरत आदम अलैहीस्सलाम से ही शुरु हुवा था जैसा कि फरमान ए ईलाही है 👇👇

وَاتْلُ عَلَيْهِمْ نَبَأَ ابْنَيْ آدَمَ بِالْحَقِّ إِذْ قَرَّبَا قُرْبَانًا فَتُقُبِّلَ مِنْ أَحَدِهِمَا وَلَمْ يُتَقَبَّلْ مِنَ الْآخَرِ 

यानी - और इन्हे सुनाओ आदम के दौ बेटेओ के सच्ची खबर जब दौनो ने कुरबानी पेश कि तो एक कि कुबुल और दुसरे कि कुबुल ना हुवी (सुराह माईदा आयत 27)

तो कुरबानी का निज़ाम तो हजरत आदम से था ये बात और है कि उसके उसुल दुसरे थे फिर धिरे धिरे दुनिया कुरबानी तो देती रही कुरबानी का तसव्वुर तो रहा लेकिन दुनिया ने कुरबानी के तसव्वुर को बङे भयानक भयानक रंग दिये 
चुनांचे दरियाए निल के किनारे क्रषि सभ्यता कि शुरुवात हुवी और वही से धरती देवी का बातिल तसव्वुर बना और ज़मिन को देवी मान कर पहली खेती धरती के नाम पर कुरबान कि गयी 
फिर बुतपरस्ती के नाम पर देवी देवता बनाए गये और सुव्वर ,भेङ ,बकरी ,ऊंट कि कुरबानी दी गयी 
फिर कुरबानी के तसव्वुर मे और बङा भयानक मोङ आया और देवी देवताओ को खुश करने के लिये मिस्र के फिरोनियो ने बुढे गुलामो कि कुरबानी कि शुरुवात कि 
फिर दरियाए निल पर बच्चो कि कुरबानी दी जाने लगी 
युनान कि एथेंस कि पहाङी पर कमज़ोर और लागिर बच्चो कि कुरबानी दी जाने लगी 
इस तरह कुरबानी के भयानक तसव्वुर बनते गये लेकिन हमारे नबी ने कुरबानी को वापस उसी दस्तुर पर लोटाया और तमाम कुरबानी के भयानक तसव्वुर को कदमो तले रोंद दिया और जानवरो कि कुरबानी दी जाने लगी।

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