इल्लूमिनाती एजेंडा और बेबस इन्सानियत!*_
_*इल्लूमिनाती एजेंडा और बेबस इन्सानियत!*_
_*📝याद रखें आलिमी शैत़ानी तंज़ीमों की भी बहुत सी कमज़ोरियां है जिन में से एक¹ है Mas Awareness जितने ज़्यादा लोग इनके शैत़ानी मंसूबों से आवारे होते जायेंगे इनके शैत़ानी मंसूबे उतने जल्दी Expose होंगे और इन्ही Resistance का सामना करना पड़ेगा मज़हब से लगाव साथी मालूमात के बजाए हक़ीक़ी ता'लीम शऊर और Critical Anaylsis की सलाहियत इन शैत़ानी के पुजारियों की असल दुश्मन है जिनसी बेराह रवी और मज़हब बेज़ारी*_
_*📝औरत की आज़ादी इनके अहम हथियार है नबी ए अकरम {ﷺ} का इरशादे गिरामी है कि दज्जाल तब ज़ाहिर होगा जब उस के बारे में बात करना कम कर दी जाएगी यही सूरते हाल आज है दज्जाल की बात की जाए तो लोग उसे हसी मिज़ाह में उड़ा देते है यह वो फितना है जिस के शर से सहाबा और दिगर अंबिया अलैहिस्सलाम तो एक तरफ खुद अंबिया के सरदार ﷺ ने पनाह मांगी है*_
_*🔆कोरोना वायरस वबा दज्जाल के शुरूर में से एक शर है और यह महज़ एक छोटा Laboraroty Test है अभी असल वबा आना बाक़ी है ये जो बेबसी हम महसूस कर रहे है यह कुछ भी नही, आने वाले दज्जाल फितने और शर इस से कहीं बढ़ कर होंगे (मआ़ज़ल्लाह) अंदाज़ा लगा लीजिए कि दज्जाल के शर से कैसे होंगे और क्या वजह हुई होगी कि अंबिया अलैहिस्सलाम ने भी इस से पनाह मांगी ?*_
_*📝याद रखे जब अल्लाह ﷻ किसी क़ौम से नाराज़ होता है तो अपने ही मुनकिरीन को बसा औक़ात इस चहेती क़ौम पे बतौरे अज़ाब मुसल्लत कर देता है क़ुरआन इस बात का गवाह है जहां बताया गया है कि बनी इसराइल की नफरमानियों पर दो² मरतबा यरूशुलम की तबाही कराई गई एक¹ मरतबा Babylonians के हाथों और दूसरी दफा Romance के हाथों और अल्लाह ने रूमी कुफ्फार को भी "अपने बंदे" कह कर ज़िक्र किया कि हमने बनी इसराइल पे उनको मुसल्ल्लत किया*_
_*📗क़ुरआन 17: 4 अल इसरा 17: 5*_
_*📝इस लिए मौजूद सूरते हाल को अल्लाह पाक की शदीद नाराज़गी समझने वाले भी दुरुस्त है और यक़ीनन हम गुनहगारों पे बतौरे अज़ाब आज़माइश बाक़ी वल्लाहु आलम ज़रूरत इस अमर की है कि मुसलमान संभल जाए और यक्जा हो जाएं तौबा करें और अपना रास्ता दुरुस्त करें शआयर इस्लाम और अहकामे दीनियां की पाबंदी करें*_
_*📝अरब शहज़ादे अय्याशियों और गैर जरूरी इमारत बनवाने के बजाए मुस्लिम मुमालिक में तालीम व तहक़ीक़ पर दौलत खर्च करें और यहां Medical Scince, Medicine, Bioengineering के शोबों माहरत हासिल की जाए और ऐसे दज्जाल हमलों से बचने नीज़ (और) अवाम में उमूमन और मुसलमानों में खुसूसन क़ुव्वते मुदाफिअ़त बढ़ाने वाली Natural Adwiyat की तैयारी मुमकिन बनाई जाए ताकि मुसलमानों को मगरिब की जानिब न देखना पड़े और सख्त तरीन हालत में भी शैत़ान के पुजारियों के सामने घुटने न टेकने की ज़रूरत पड़े*_
_*📕इल्लूमिनाती एजेंडा और बेबस इन्सानियत सफ़हा 04*_
_📮जारी रहेगा इन्शाअल्लाह..._
_*╭┈► फरमाने गुलज़ार ए मिल्लत*_
_*अए लोगों भूखे रहो पर आला हज़रत के गुन गाते रहों*_
_*इल्म हासिल करो मां की गोद से क़ब्र की आगौश तक*_
_*मिट जाऐ गुनाहो का तसव्वुर ही दुन्या से, गर होजाए यक़ीन के अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह देख रहा है*_
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