ऊंटो का पैशाब
(ऊंटो का पैशाब )
कुछ लोग अकसर बुखारी शरीफ कि एक हदीस जिसमे नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम ने कुछ ईरानी जो गवार और जंगली टाईप थे जब मदीना मुनव्वरा आए और उनको मदीने कि आबो हवा रास ना आई और वो बिमार हो गये तो नबी ए करीम ने उन्हे ऊंट का पैशाब पिने का हुक्म दिया और वो उसके बाद ठिक हो गये
इस हदीस को पेश करके लोग कहते है कि देखो ऊंटो का पैशाब पिना जायज़ है ( माज़ अल्लाह )
हम इस आहदीस का पसे मन्जर आपको बताते है
सुनो वो अव्वल तो ये जान लिजिये कि पैशाब नापाक और गन्दी चिज़ है ,,चाहे वो किसी का भी हो
दुसरी बात उन इरानियो कि जिनको पैशाब पिने का हुक्म दिया था
तो सुनो ये जान लो वो इरानि लोग गवार और मुरतद काफिर थे और जंगली लोगो मे से थे
उनका काम ही यही था कि वो जब बिमार होते तो इसी तरह के इलाज करते थे
जैसे चरसी को चरस ना मिले तो वो बिमार हो जाता है
ठिक इसी तरह उन इरानियो को मदीने कि पाक साफ हवा रास ना आई और वो बिमार हो गये
तो ये हुक्म खास उन गवारो के लिये ही था नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम को अल्लाह के अता कर्दा इल्म से मालुम था कि इनका इलाज गन्दगी मे ही है इसलिये आपने खास उनको ही ये हुक्म दिया था
ना कि ये हुक्म आम पाक साफ कलमा मुस्लमानो के लिये था यानी मुस्लमानो के लिये नाजिस व गन्दी चिज़ो से इलाज हराम है
हजरत अबु हुरेराह रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि नबी ए करीम ने फरमाया नाजिस और हराम चिज़ो मे शिफा नही है
दुसरी बात इल्मे गैबी नबी ए करीम को मालुम था कि ये मुरतद व काफिर व गन्दे लोग है लिहाज़ा गन्दे लोगो के लिये गन्दी चिज़े ही है
लिहाज़ा यही हुवा उन लोगो ने शिफा हासिल करके आप नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम के चरवाहे को कत्ल किया और ऊंट वगैराह लुट कर ले गये और इस्लाम से फिर गये
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