अमल_कि_क्वालिटी अर्टिकल 2

(#अमल_कि_क्वालिटी) आर्टिकल 2
(क्वालिटी मेनटेन करो वाली हदीस ) 

अमल कि काॅनटिटी चाहे कम हो लेकिन क्वालिटी ज्यादा हो मत करो एक एक हज़ार तस्बिह का विर्द मत करो ज्यादा हाए तौबा ,अगङम सगङम सौ सौ रकात निफ्ल पढने से बेहतर है ,,दौ रकात नमाज़ बेहतरीन अन्दाज़ व उसके हुकुक के साथ अदा करना ,,ढेर ढेर सारी किताबे पढने से बेहतर है कोई भी इल्म हासिल करो तो उसकी फहम भी हासिल हो सरपट सरपट पढने से क्या हासिल ? देखो ये हदीस ए मुबारका क्या कह रही है 👇👇👇
حَدَّثَنَا إِسْحَاقُ بْنُ مَنْصُورٍ ، قَالَ : حَدَّثَنَا عَبْدُ الرَّزَّاقِ ، قَالَ : أَخْبَرَنَا مَعْمَرٌ ، عَنْ هَمَّام ، عَنْ أَبِي هُرَيْرَةَ ، قَالَ : قَالَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ :    إِذَا أَحْسَنَ أَحَدُكُمْ إِسْلَامَهُ ، فَكُلُّ حَسَنَةٍ يَعْمَلُهَا تُكْتَبُ لَهُ بِعَشْرِ أَمْثَالِهَا إِلَى سَبْعِ مِائَةِ ضِعْفٍ ، وَكُلُّ سَيِّئَةٍ يَعْمَلُهَا تُكْتَبُ لَهُ بِمِثْلِهَا    
यानी सनद के बाद - नबी ए करीम सल्लल्लाहू अलैह व सल्लम ने फरमाया तुममे मे से जो शख्स अपने इस्लाम को उम्दाह बना ले तो हर वो नेक काम जो वो करता है उसके बदले दस से लेकर सात सौ गुना तक नेकिया लिखी जाती है और हर बुरा काम जो करता है वो उतना ही लिखा जाता है ( यानी बुरा काम बढाकर नही लिखा जाता ) बुखारी शरीफ हदीस 42) 
इस लफ्ज़ पर गौर फरमाए إِذَا أَحْسَنَ أَحَدُكُمْ إِسْلَامَهُ 
यानी जो अपने इस्लाम को उम्दाह बना ले यानी अपने अमल कि क्वालिटी बेहतर कर ले।

Comments

Popular posts from this blog

मसाइले क़ुर्बानी

हज़रत ग़ौस-ए-आज़म रहमतुल्लाह अलैह

रुहानी बीमारियों के 6 कि़समें हैं,