hira gava dya
एक शख्स थे जिनको दीन का बहुत इल्म था
उनकी बाते आसानी लिये हुवे होती थी
लोग उनसे फेज़याब होते थे ,यानी नसिहत पकङते थे ,
उनसे मुतास्सिर होते थे
क्योकि वो बङी सादा व सिम्पल गुफ्तुगु मे दीन लोगो को समझाते थे
कमी ये थी कि वो किसी मदरसे से फारिग नही थे
कुछ कुछ गलतिया थी उनके अन्दर
कुरान कि आयतो कि तिलावत मे सही मखरज भी अदा नही होते थे उनसे
लेकिन लोगो मे उनकी मकबुलियत बढने लगी
लेकिन कमाल कि बात देखिये कुछ बासनद ,बङे बङे अलकाब लिये कुछ मौलवियो को हजम ना हुवा उनकी कुछ कमियो को दुर करने कि बजाए
उनके मखरज पर ताने देते ,,लोगो मे उनकी गलतिया ब्यान करते ,
यानी उस हिरे कि थोङी सी गर्दो गुबार को साफ करने कि बजाए उस पर और गर्द डालने कि कोशिश होती रही
अगर उस हिरे को सम्भाल लिया जाता तो वो कितनो को रोशन कर देता
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