1_ज़िल_हिज्जाह निकाह मुबारक सय्यदा फ़ातिमा-तुज़-ज़हरा वा मौला-ए-काएनात अली मुश्किल कुशा,तमाम आशिकाने अहले बैत को खूब-खूब मुबारक

कायनात का सबसे प्यारा जोड़ा जिसमे दूल्हा अल्लाह
के घर की तरफ से और दुल्हन मुस्तफा ﷺ के घर से !

वो मौला अली करम अल्लाहु वजहुल करीम जो नबी ﷺ की बारगाह में बैठ कर अपने दिल में बात रख के सैय्यदा खातूने जन्नत बीबी फातिमा رضی اللہ تعالیٰ عنہا से रिश्तें के लिए आतें है ! हुज़ूर अलैहिस्सलाम के सामने हया करतें बताने में हिचकिचाते ,हुज़ूर अलैहिस्सलाम खुद कहतें अली किस मकसद से आय हो , 

फिर आक़ा कहतें फातिमा का रिश्ता मांगने आय हो इतना मेरे आक़ा करीम ﷺ का कहना था ! मौला अली करम अल्लाहु वजहुल करीम का चेहरा हया से झुक गया आक़ा कहतें अल्लाह ने मुझे पहले ही खबर दे दी अली आ रहे हैं फातिमा का रिश्ता मांगने इतना सुन्ना था मौला ए क़ायनात के आँखों में आशु  आ गए ! 

#मुख्तसर फिर आका अलैहिस्सलाम अपनी बेटी सैय्यदा खातूने जन्नत बीबी फातिमा رضی اللہ تعالیٰ عنہا के पास जातें और अली से रिश्ते की इज़ाज़त लेते ये भी मेरे नबी की सुन्नत है बेटियों से उनकी इज़ाज़त रज़ामंदी लो निकाह में किसी के साथ आने के लिए ! इतना पूछना ही था सय्यदा पाक का सर हया से झुक गया लबों पे हल्की तबस्सुम थी आँखों से आशु ज़ारी थे हुज़ूर अलैहिस्सलाम जान गए की बेटी ने इज़ाज़त दे दी !

फिर अल्लाह के नबी मौला अली से कहतें ऐ अली जाओ अबू बक्र उम्र फारूक उस्मान अबू तल्हा जुबैर चंद सहाबा के नाम लिए और कहा बुला लाओ सबको वो आय अल्लाह के हबीब ने फ़रमाया मेरे रब ने अर्श पे अली और फ़ातिमा का निकाह कर दिया है और मुझे हुकुम दिया है फर्श पे में भी निकाह कर दूँ ! 

#1_ज़िल_हिज्जाह

निकाह मुबारक सय्यदा फ़ातिमा-तुज़-ज़हरा वा मौला-ए-काएनात अली मुश्किल कुशा,तमाम आशिकाने अहले बैत को खूब-खूब मुबारक। 

मौला इस बेमिसाल मुकद्दस जोड़ी के सदके अहले ईमान को नेक वा दीनदार हमसफ़र अता फरमाए।

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