__मक्का__ज़्यादा__अफ़ज़ल__या__मदीना__?
#__मक्का__ज़्यादा__अफ़ज़ल__या__मदीना__?
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मैंने पूछा:
"बाबा जी ये तो बताएं कि मक्का ज़्यादा अफज़ल है या मदीना?"
बाबा जी ने कहा:
"पुत्तर अपना बटुआ निकाल-"
मैंने अपना बटुआ निकाला और बाबा जी के सामने रख दिया-
बाबा जी ने मेरे बटुए की तरफ देखा और कहा:
"पुत्तर फर्ज़ कर ले कि तेरे इस बटुए की क़ीमत पांच रुपया है- इसमें अगर तू एक लाख रुपए का हीरा जड़ दे तो फिर इसकी क़ीमत बढ़ जाएगी और बजाय पांच रुपए के एक लाख हो जाएगी- और फिर अगर बटुए के अंदर पांच पांच हज़ार के बीस नोट रख ले तो तेरे बटुए की मालियत एक लाख से बढ़ कर दो लाख हो जाएगी-"
पुत्तर याद रख............
"अल्लाह तआला के खज़ानों में सबसे ज़्यादा क़ीमती वजूद हुज़ूर सरवरे आलम ﷺका है- हुज़ूर नबी ए करीम ﷺअगर ज़मीन पर हों तो ज़मीन आसमान से अफज़ल और अगर हुज़ूर नबी ए करीम ﷺआसमान पर हों तो आसमान ज़मीन से अफज़ल- इसी उसूल की बिना पर हुज़ूर नबी ए अकरम ﷺ अगर मक्के में हों तो मदीने से मक्का अफज़ल....
और अगर हुज़ूर नबी ए अकरम ﷺ मदीने में हों तो मदीना मक्के से अफज़ल.."
फज़ीलत का मोजिब हुज़ूर नबी ए अकरम ﷺ का वजूदे बा जूद है- हुज़ूर नबी ए अकरम ﷺ मक्के में थे तो खुदा ए तआला ने मक्का मुअज़्ज़मा की क़सम याद फरमाई और फरमाया:
"لَآ اُقْسِمُ بِـهٰذَا الْبَلَدِ۔ "
"इस शहर (मक्का) की क़सम है-"
(سورۃ البلد،آیت:۱ )
क्यूं?....क्या इसलिए कि उसमें उसका घर (काबा) है?
नहीं......!
क्या इसलिए कि उसमें चाहे ज़मज़म है?
नहीं.....!
तो फिर खुदा ने उस शहर की क़सम क्यूं याद फरमाई?
अल्लाह तआला ने फरमाया:
"وَاَنْتَ حِلٌّ بِـهٰذَا الْبَلَدِ۔"
"अय महबूब! तुम इस शहर में तशरीफ फरमां हो!!"
( سورۃ البلد،آیت:2)
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