नबीयो ,वलियो स्वालेहीनो के कदम जहा लगे वहा से बरकत हासिल करना।

(नबीयो ,वलियो स्वालेहीनो के कदम जहा लगे वहा से बरकत हासिल करना) 

हजरत अनस बिन मालिक रज़ियल्लाहु अन्हु ने फरमाया कि उन्हे हजरत अतबान बिन मालिक रज़ियल्लाहु अन्हु ने बताया कि वो नाबिना हो गये उन्होने नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम को पैगाम भिजवाया कि या रसूल्ल्लाहा आप मेरे पास तशरीफ लाए और मेरे घर मे नमाज़ अदा फरमाए ताकि मै उस जगह को  नमाज़ पढने कि जगह बना लु फिर नबी ए करीम अपने अस्हाब के साथ तशरीफ लाए और आप नमाज़ अदा फरमा रहे थे और आपके साथी बाते कर रहे थे,,( ईला आखिरही फिल हदीस ,) 

हदीस और बङी है हमने आधी ही लिखी है क्योकि इसमे फिर दुसरा मजमुन और है ,,जिसको पुरी हदीस पढना है वो मुस्लिम शरीफ हदीस नम्बर 149 देखे 

खैर सुनो इस हदीस से पता चला कि नबीयो औलिया बुजुर्गो ने जहा इबादत कि उस जगह को हुसुल ए बरकत बनाना सहाबा कि सुन्नत है 
अगर ऐसा ना होता तो हुजुर अलहीस्सलाम उन सहाबी से फरमाते कि मेरी उम्मत के लिये सारी ज़मिन मस्जिद बना दी गयी है तुम जहा चाहो अपने घर मे नमाज़ अदा फरमा लो 
इस हदीस कि शराह मे ईमाम नववी ,ईमाम इब्ने हजर अस्कलानी और दिगर शाहीरीन ए हदीस ने यही लिखा है कि नबीयो के जहा कदम पढते है वो जगह से बरकत हासिल होती है 
तो फिर जहा खुद बाबरकत हस्ती आराम फरमा हो 
जहा खुद अल्लाह के औलिया स्वालेहीन के मुकद्दस मज़ारात हो वहा कि बरकतो का आलम क्या होगा

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