कम उम्र मे शरीर का ज्यादा विकास होना कुदरत कि निशानियो मे से है
कम उम्र मे शरीर का ज्यादा विकास होना कुदरत कि निशानियो मे से है
आम मुशाहीदा भी है कि आम बच्चे जहा सवा दौ साल मे चलना सिखते है वही कुछ खास बच्चे देढ साल मे ही चलना सिख जाते है
और खास बच्चो मे भी कुछ खासुल खास बच्चे ऐसे हुवे जो जिनका पलना और बढना सारे ज़माने के बच्चो से मुमताज़ रहा
हजरत इब्राहीम अलहीस्सलाम जहा एक आम बच्चा एक साल मे जितना विकास करता था अपने शरीर व ज़हन का उतना विकास हजरत इब्राहीम एक महीने मे करते थे
हजरत इसा अलहीस्सलाम पालने मे ही बोलने लगे थे
ठिक इसी तरह अजम के मुकाबले मे अरबियो के बच्चे जल्दी विकास करते है और जल्दी बालिग हो जाते है
इन्ही खसाईस कि बिना पर हजरत आयशा सिद्दीका रज़ियल्लाहु अन्हा भी मुमताज़ रही आप बहुत कम उम्र मे अरबि माहोल के हिसाब से बुलुगत को पहुची और आपका जिस्म ए अतहर जहनी व शारारीक एतबार दौनो से आम बच्चो से ज्यादा विकास पाया
क्योकि अल्लाह ने आपको चुन लिया था नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम कि रफाकत के लिये
महज़ बारह तैराह साल कि उम्र मे ही आपसे हदीसे रिवायत पाई और कुरान हदीसो से आपने इज्तिहादी मसाईल निकाल कर उम्मत कि रहनुमाई कि
इसलिये ये कहना जहालत है कि हुजुर सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम ने इतनी कम उम्र कि लङकी से निकाह किया जिसके शरीर का विकास भी ना हुवा था ,
ये कुदरत कि निशानियो मे से है कि कम उम्र मे शरीर व ज़हन का आला विकास होना क्योकि हजरत आयशा को चुन लिया गया था नबी ए करीम कि रफाकत के लिये।
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