इंसान को अपनी नेकी का सिला ज़िंदगी में कहीं न कहीं मिल ही जाता है ।
इंसान को अपनी नेकी का सिला ज़िंदगी में कहीं न कहीं मिल ही जाता है ।
___________________________________________
ये अमरीकी शहर कन्सास सिटी का मंज़र है जहां एक बूढ़ा फक़ीर (बैली रे) पिछले पन्द्रह साल से सड़क किनारे भीख मांग रहा था- उसके पास अपना कोई घर नहीं उसका वाहिद ठिकाना शहर की सड़कें और गलियां होती थीं- लोग उसके सामने से गुज़रते रहते कोई तरस खाकर उसके प्याले में सिक्के डाल देता- एक दिन एक खातून (सारह) ने उसके प्याले में कुछ सिक्के डाले और आगे बढ़ गई- फक़ीर ने कुछ देर बाद प्याले पर नज़र डाली तो उसे हैरत हुई कि प्याले के अंदर एक जगमगाती हुई अंगूठी पड़ी हुई थी-
उसने जल्दी से उसे उठा कर देखा तो हैरत से उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं- वो बहुत क़ीमती अंगूठी थी जिसकी क़ीमत कई हज़ार डॉलर थी- बैली ने कुछ देर सोचा फिर उसे याद आया कि ये अंगूठी उसी खातून की होगी जिसने शायद गलती से प्याले में डाल दी- पहले तो उसके दिल में लालच पैदा हुआ कि वो वहां से भाग जाए और उसको बेच कर अपनी ज़रूरियात को पूरा कर ले- इसके मक़सद के लिए वो एक ज्वेलर के पास भी गया लेकिन उसने बाद में अंगूठी सारह को वापस करने का फैसला कर लिया-
सारह जब घर पहुंची तो अंगूठी को पर्स में ना पाकर बहुत परेशान हो गई- एक तो वो बहुत क़ीमती अंगूठी थी दूसरे वो उसके शौहर की तरफ से शादी का तोहफा भी थी- सारह को याद आया कि उसने सिक्कों के साथ वो अंगूठी भी उस बूढ़े फक़ीर को दे दी होगी- अगले दिन अल सुबह वो अपने शौहर को लेकर उस फुटपाथ पर पहुंची तो उसे बैली कहीं दिखाई ना दिया- उन्होंने साथ वालों से पूछा लेकिन वो भी ला इल्म निकले- सारह और उसका शौहर समझ गए कि बैली उनकी अंगूठी लेकर रफूचक्कर हो चुका है- वो सर पकड़ कर बैठ गए-इसी असना में औरत को बैली दूर से आता हुआ दिखाई दिया- वो उसकी तरफ भागी- बैली समझ गया कि वो क्यूं उसकी तरफ आ रही है- उसने उसके बोलने से पहले ही अंगूठी निकाल कर उसके हवाले कर दी-सारह और उसका शौहर बहुत हैरान भी हुए उन्होंने उसका शुक्रिया अदा किया और वापस आ गए-
जब एक दिन गुज़र गया तो सारह को कुछ बेचैनी सी महसूस हुई उसे महसूस हुआ कि इतने अच्छे आदमी के लिए उन्हें कुछ ना कुछ करना चाहिए- सारह एक मशहूर फिज़ीशन थी- उसका हल्क़ा ए अहबाब काफी वसीअ था- उसने सारी कहानी फेसबुक पर डाल दी- और बैली के लिए फंड इकट्ठा करने की ठान ली- लोग उसकी कहानी से बहुत मुतास्सिर हुए- देखते ही देखते उसकी कहानी अमरीका के अतराफ में फैल गई- लोग उससे मिलने फुटपाथ पर पहुंचते उसके साथ सेल्फियां लेते उसकी तारीफ करते- बैली जवाब में कहता कि:
"हमारी दुनियां कैसी हो गई है? लोग अब इस बात पर भी मेरी तारीफ कर रहे हैं- मैंने मालिक तक उसकी चीज़ पहुंचा दी- मैं कोई हीरो नहीं बल्कि एक आम आदमी हूं-"
एक हफ्ते बाद जब सारह ने जमा होने वाला फंड देखा तो वो हैरान रह गई लोगों ने उस फंड में तक़रीबन ढाई लाख डॉलर डोनेट कर दिए थे- वो लोग बैली के पास पहुंचे और उसे बताया कि अब उसे फुटपाथ पर ज़िन्दगी गुज़ारना नहीं पड़ेगी-सारह की कोशिशों से वो अपनी फैमिली तक भी पहुंच गया- उसने अपना एक घर खरीद लिया- कई टीवी शोज़ में भी उसे एक सेलिब्रिटी के तौर पर बुलाया गया- वो सबसे यही कहता कि:
"अगर वो उस दिन लालच का शिकार होकर अंगूठी ब्लैक में बेच देता तो शायद चंद माह अच्छे गुज़ार लेता लेकिन हमेशा गुनाह और जुर्म का बोझ लिए गुमनामी की ज़िंदगी बसर कर रहा होता..!!"
Comments
Post a Comment