Stop Feminism

Stop Feminism!!!!!!     

जो औरत मर्द की बराबरी करती हैं और ये कहती हैं की हम मर्दों से कम हैं क्या तो सुनिए बहन

अल्लाह ने हजरत आदम अलैहिस्सलाम को मिट्टी से पैदा किया और हजरत हव्वा को हजरत आदम अलैहिस्सलाम की टेढ़ी पसली से तो सोचिए ज़रा आप मर्द के ज़रिए से पैदा की गई हो क्या आप मर्द के बराबर हो सकती हो?

दूसरी बात अल्लाह ने मर्दों को एक दर्जा बड़ा दिया है क्योंकि वो हमारा खर्च उठा रहे है। 
अब यहां कुछ औरत ये कहेंगी की हम खुद अपने लिए कमा सकती है.... बेशक बहन आप कमा सकती हैं लेकिन शदीद मजबूरी में....आप बाप के लिए बेटा और बच्चों के लिए उनका बाप बन सकती हैं क्योंकि अल्लाह ने आपको ये सलाहियत बख्शी है। इस पर अल्लाह का शुक्र है लेकिन इसका ये मतलब तो नहीं की आप बाप ,भाई, शौहर और बेटे के होते हुए कमाने निकल जाए। 
तीसरी बात चाहे वो घर हो या पूरी कौम की कयादत करना....एक औरत नहीं संभाल सकती क्योंकि अगर ऐसा होता तो अल्लाह नबी मर्दों को नहीं बल्कि औरतों को भी बनाता लेकिन औरत नहीं बन सकती।

चौथी बात जब औरत को अल्लाह ने इतनी इज़्ज़त बख्शी है तो मर्द की बराबरी क्यूं???

मर्द मस्जिद में नमाज अदा करता है....जितना अजर उसको मिलता हैं उतना आपको अपने बंद कमरे में नमाज अदा करने पर मिलता है।

मर्द जिहाद करता है लेकिन औरत नहीं।
फिर भी औरत को जिहाद का अजर मिलता है। 
क्योंकि वो परदे में रहती है और अपनी आबरू और शौहर के अमानत की हिफाज़त करती हैं।

औरत हैज़ से होती है नमाज़, रोज़ा, सबमें पीछे रह जाती हैं। लेकिन अल्लाह ने औरत को हामला होने की मां बनने की जो नेमत अता की है उसमे भी इतना अजर है की वो मर्द के बराबर पहुंच जाती हैं। 

तो फिर आपको किसमे बराबरी चाहिए???

दीन ए इस्लाम में औरत मर्दों से बाजियां मार चुकी है कई जगह।

सबसे पहली शहीद होने वाली औरत ही है जिन्होंने शहादत का दर्ज़ा पाया.... हजरत सुमैया 

अल्लाह के नबी सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम को सबसे पहले नुबूवत की हालत में देखने वाली और आप पर ईमान लाने वाली पहली औरत ही हैं....हजरत खदीजा (अल्लाह आपसे राज़ी हो) 
हजरत खदीजा ने अल्लाह के नबी को अपनी जान से, माल से, हर तरह से मदद की और राहत पहुंचाई।
जिस वक्त सबने आप का इंकार किया ।

हजरत राबिया बसरी का वाकिया पढ़िए।
हजरत मरियम का वाकिया पढ़िए।
हजरत आसिया का वाकिया पढ़िए।

 ये सभी दीन की अव्वल खवातीन हैं।
फेमिनिज्म को रोकिए बहनों।
अल्लाह ने आपको बहुत इज़्ज़त दी हैं।
वेस्टर्न कल्चर के चक्कर में दीन से और अल्लाह और उसके रसूल से बगावत मत कीजिए।

आपको तो अल्लाह ने ये शर्फ बख्शा है की आप बाप के लिए जन्नत का दरवाज़ा खोलती हैं
शौहर के लिए राहत का जरिया बनाई गई है।
और बच्चों के लिए उनकी जन्नत।

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