तारीख के मशहूर ब्रिटिश गवर्नर पर एक कु़तुब ए आलम का फ़ैज़* ☪️

📜 *तारीख के मशहूर ब्रिटिश गवर्नर पर एक कु़तुब ए आलम का फ़ैज़* ☪️

1) *सर जेम्स जॉन लाटूश* 🥇

"लाटूश रोड" जो कानपुर और लखनऊ की मशहूर रोड है, इस रोड का नाम सर जेम्स जॉन डिग्गेस लाटूश के नाम पर रखा गया जो कि मॉडर्न हिस्ट्री के मशहूर लेफ़्टिनेंट गवर्नर गुज़रे है, एक दफ़ा लाटूश साहब को अवध के जनरल गवर्नर सर चार्ल्स हॉकस टॉड क्रॉस्थ्वेट ने हज़रत मौलाना शाह फ़ज़्ले रहमान गंजमुरादाबादी रहमतुल्लाह अलैह की खैरियत मिजाज़ के लिए रवाना किया तो लाटूश साहब ने चलते वक़्त दिल में सोचा कि हज़रत मौलाना बाबा से कोई नई चीज़ तोहफ़े में मिल जाती तो क्या खूब अच्छा होता, जब वह हज़रत फ़ज़्ले रहमान साहब की खिदमत में पहुंचे तो हज़रत को कश्फ़ से सारा मामला पता चल गया और आपने फ़रमाया कि, "तुम भी तो लाट (लॉर्ड)  हो ।" यह सुनकर लाटूश साहब को सख्त हैरत हुई और सोचने लगे कि मैं तो अभी प्राइवेट सेक्रेटरी हूँ ।" .इस बात पर फ़िर से हज़रत ने इरशाद फ़रमाया कि, "भाई!  खुदा में सब कुदरत है ।" और फ़िर दो कलमी आम (जिसकी उस वक़्त कहीं भी फ़सल नहीं थी)  लाटूश साहब को देकर रुखसत फ़रमाया, फ़िर सर चार्ल्स हॉकस टॉड क्रॉस्थ्वेट के बाद ही सर लाटूश साहब गवर्नर यू°पी° (अवध)  हुए । गवर्नर होने के बाद लाटूश साहब ने जिस खुलूस बेपाया से अपनी अक़ीदत के फूल न्योछावर किये उसका क्या कहना आखिर!  सर लाटूश साहब पहले सर चार्ल्स हॉकस टॉड क्रॉस्थ्वेट के प्राइवेट सेक्रेटरी थे जो बाद में हज़रत मौलाना शाह फ़ज़्ले रहमान साहब की दुआओं से अवध के गवर्नर बन गए. 

2) *सर चार्ल्स हॉकस टॉड क्रॉस्थ्वेट* 🎗️

सर चार्ल्स क्रॉस्थ्वेट गवर्नर जनरल सन् 1892 में दो-तीन सौ हुक्काम अंग्रेज़ों के साथ दरगाहे आलिया में हाज़िर हुए और मुलाक़ात के वक़्त गवर्नर साहब ने कहा कि, "हुज़ूर आली के वहां दो-ढाई सौ ज़ायरीन का मजमा रहता है, मैं चाहता हूं कि एक-दो गाँव इसके खर्चे के लिए गवर्नमेंट से मंज़ूरी लेकर दे दूँ ताकि ज़ायरीन के भीड़ से सुबुक दोशी (आराम)  हो, इस बात पर हज़रत सरकार फ़ज़्ले रहमान अलैहिर्रहमा ने फ़रमाया कि, "बा-फ़ज़ल हमको इसकी ज़रुरत नहीं!  अल्लाह तआला ने हमारी और हमसे मोहब्बत रखने वालों की किफ़ालत (ज़मानत)  का खुद हमसे वादा फ़रमा लिया है । " .फिर लॉर्ड साहब ने अपनी नज़र की कमज़ोरी के बारे में दरयाफ़्त किया तो हज़रत ने फ़रमाया, "बा हम्दलिल्लाह!  हम आज भी चौदहवीं चाँद रात की रोशनी में खत पढ़ सकते है और फिर आपने नसीहत फ़रमाई, "देखो!  किसी पर ज़ुल्म मत करना इससे सल्तनते तबाह हो गई है।"..फिर लॉर्ड क्रॉस्थ्वेट साहब ने अपनी मेम साहिबा की ख्वाहिश पर औलाद होने के लिए दुआ चाही तो आपने दुआ देकर रुखसत कर दिया. 

3) *सर हरकोर्ट बटलर* 🏅

हज़रत शाह फ़ज़्ले रहमान साहब के बाद उनके फ़रज़न्द हज़रत मौलाना अहमद मियां अलैहिर्रहमा के दौर तक जो गवर्नर वॉइसरॉय ए हिन्द आये वह अपने अक़ीदत के गुल निसार करते रहे खासकर सर हरकोर्ट बटलर साहब जो दादा अहमद मियां रहमतुल्लाह अलैह के ओहद में थे और अक़ीदत का जामा थे। 
👉🏻 नोट :- कानपुर की "द एच°बी°टी°यू°  (हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनीवर्सिटी) " जो है वह ब्रिटिश इंडिया के यूनाइटेड प्रोविंस के गवर्नर सर हरकोर्ट बटलर के ही नाम पर सन् 1921 में बनाई गई और सन् 1917 में दिल्ली का हरकोर्ट बटलर सीनियर सेकंडरी स्कूल भी इन्हीं के नाम पर रखा गया ।

4) *सर विलियम मैल्कम हेली*    🎓
यह सिलसिला हज़रत दादा अहमद मियां साहब के बाद वालिदैन साहिबान से ता-हुकूमत जारी रहा जिसमें सर मैक्लम हेली भी वालिद साहब (हज़रत भोले मियां सरकार के वालिद शाह आरिफ़ बिल्लाह नेमतुल्लाह मियां और बड़े अब्बू अब्दाल ए वक़्त शाह रहमतुल्लाह मियां साहब) के दौर तक मुमताज़ रहे, सन् 1824 से 1926 तक कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर और यूरोपियन की अकीदत केशी की फ़ेहरिस्त बहुत लम्बी है जो खानकाहे आलिया पर आते रहे. 

(अफ़ज़ाल ए रहमानी : सफ़ा 156-157)

👉🏻नोट :- सर मैल्कम हेली के ही नाम पर हिंदुस्तान का सबसे पुराना नेशनल पार्क (हेली नेशनल पार्क)  बनाया गया जिसका नाम बदलकर बाद में *कॉर्बेट नेशनल पार्क* रख दिया गया ।

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