क्या आप हजरत #इदरीस_अलैहिस्सलाम_ के बारे में जानते हैं?
क्या आप हजरत #इदरीस_अलैहिस्सलाम_ के बारे में जानते हैं?👇
आप का नाम " अखनूख " है । आप हज़रते नूह अलैहिस्सलाम के वालिद के दादा हैं । हज़रते आदम . अलैहिस्सलाम के बाद आप ही पहले रसूल हैं । आप के वालिद हज़रते शीष बिन आदम - अलैहिस्सलाम हैं ।
सब से पहले जिस शख्स ने कलम से लिखा वोह आप ही हैं । कपड़ों के सीने और सिले हुवे कपड़े पहनने की इब्तिदा भी आप ही से हुई । इस से पहले लोग जानवरों की खालें पहनते थे ।
सब से पहले हथियार बनाने वाले , तराजू और पैमाने काइम करने वाले और इल्मे नुजूम व हिसाब में नज़र फ़रमाने वाले भी आप ही हैं । येह सब काम आप ही से शुरू हुवे ।
अल्लाह तआला ने आप पर तीस सहीफे नाज़िल फ़रमाए , और आप अल्लाह तआला की किताबों का ब कसरत दर्स दिया करते थे । इस लिये आप का लकब " इदरीस " हो गया , और आप का येह लकब इस क़दर मशहूर हो गया कि बहुत से लोगों को आप का असली नाम मालूम ही नहीं ।
और कुरआने मजीद में भी आप का नाम “ इदरीस " ही जिक्र किया गया आप को अल्लाह तआला ने आस्मान पर उठा लिया है । बुख़ारी व मुस्लिम की हृदीस में है कि हुजूरे अकरमﷺ ने शबे मे'राज हज़रते इदरीस . अलैहिस्सलाम को चौथे आस्मान पर देखा ।
हज़रते का'बुल अहबार वगैरा से मरवी है कि हज़रते इदरीस अलैहिस्सलाम ने मलकुल मौत से फ़रमाया कि मैं मौत का मज़ा चखना चाहता हूं , कैसा होता है ? तुम मेरी रूह कब्ज़ कर के दिखाओ । मलकुल मौत ने इस हुक्म की तामील की और रूह कब्ज़ कर के उसी वक्त आप की तरफ़ लौटा दी और आप जिन्दा हो गए ।
फिर आप ने फ़रमाया कि अब मुझे जहन्नम दिखाओ ताकि खौफे इलाही ज़ियादा हो । चुनान्चे , येह भी किया गया जहन्नम को देख कर आप ने दारोगए जहन्नम से फ़रमाया कि दरवाज़ा खोलो , मैं उस दरवाजे से गुज़रना चाहता हूं । चुनान्चे , ऐसा ही किया गया और आप इस पर से गुज़रे । फिर आप ने मलकुल मौत से फ़रमाया कि मुझे जन्नत दिखाओ , वोह आप को जन्नत में ले गए ।
आप दरवाज़ों को खुलवा कर जन्नत में दाखिल हुवे । थोड़ी देर इन्तिज़ार के बाद मलकुल मौत ने कहा कि अब आप अपने मक़ाम पर तशरीफ़ ले चलिये ।
आप ने फ़रमाया कि अब मैं यहां से कहीं नहीं जाऊंगा । अल्लाह तआला ने फ़रमाया है कि हर जानदार को मौत का मजा चखाना है तो मौत का मज़ा मैं चख ही चुका हूं और अल्लाह तआला ने येह फ़रमाया है कि हर शख्स को जहन्नम पर गुज़रना है तो मैं गुज़र चुका । अब मैं जन्नत में पहुंच गया और जन्नत में पहुंचने वालों के लिये खुदावन्दे कुद्दुस ने येह फ़रमाया है कि कि जन्नत में दाखिल होने वाले जन्नत से निकाले नहीं जाएंगे । अब मुझे जन्नत से चलने के लिये क्यूं कहते हो ?
अल्लाह तआला ने मलकुल मौत को वहि भेजी कि हज़रते इदरीस अलैहिस्सलाम ने जो कुछ किया मेरे इज़्न से किया और वोह मेरे ही इज़्न से जन्नत में दाखिल हुवे । लिहाज़ा तुम उन्हें छोड़ दो । वोह जन्नत ही में रहेंगे । चुनान्चे , हज़रते इदरीस . अलैहिस्सलाम आस्मानों के ऊपर जन्नत में हैं हज़रते इदरीस अलैहिस्सलाम के आस्मानों पर उठाए जाने और इन को मिलने वाली नेअमतों का मुख़्तसर और इजमाली तजकिरा कुरआने मजीद की सूरए मरयम में है :
Comments
Post a Comment