यौमे_विसाल...हुज़ूर ‎ﷺ ‏की सबसे आख़री ज़ौजा हज़रते मैमुना रदियल्लाहो अन्हा...

#यौमे_विसाल...

हुज़ूर ﷺ की सबसे आख़री ज़ौजा हज़रते मैमुना रदियल्लाहो अन्हा...
                            आपके वालिद का नाम हारिस बिन हज़न है और इन की वालिदा हिन्द बिन्ते औफ है, हज़रते मैमुना का नाम पहले "बर्रा"था लेकिन हुज़ूर ﷺ ने इनका नाम बदलकर "मैमुना" (बरकत दहिंदा) रख दिया...

    ये पहले अबू रहम बिन अब्दुल उज़्ज़ा के निकाह में थी मगर जब रसूलल्लाह ﷺ सात हिजरी में उमरतुल क़ज़ा के लिए मक्का शरीफ तशरीफ़ ले गए तो ये बेवह हो चुकी थी हज़रते अब्बास रदीयल्लाहो अन्हो ने हुज़ूर ﷺ से इनके बारे में गुफ्तगू की और आप ﷺ ने इनसे निकाह फरमा लिया और उमरतुल क़ज़ा से वापसी पर मक़ामे "सरीफ़" में इनको सपनी सोहबत से सरफ़राज़ फ़रमाया....
                  हज़रते मैमुना रदियल्लाहो अन्हा की एक बहन "उम्मुल फज़ल लुबाबतुल कुबरा" हुज़ूर ﷺ के चिचा हज़रते अब्बास रदीयल्लाहो अन्हो के निकाह में थी जिनसे हज़रते अब्दुल्लाह बिन अब्बास रदियल्लाहो अन्हो पैदा हुवे थे...
                          अम्मी आयशा सिद्दीक़ा रदियल्लाहो अन्हा फरमाती है की हममे सबसे ज़्यादा अल्लाह से डरने वाली और सिला रहम अख्तियार करने वाली हज़रते मैमुना है आपको गुलाम आज़ाद करने का बहुत शौक़ था और जब एक मर्तबा आपने एक लौंडी को आज़ाद फ़रमाया तो रसूले करीम ﷺ ने खुश होकर आपको बढ़े सवाब की बशारत दी,  हुज़ूर ﷺ की तमाम अज़वाज में आपका इन्तिक़ाल सबसे आख़री में हुवा जब आपका जनाज़ा उठा तो इब्ने अब्बास रदियल्लाहो अन्हो ने फ़रमाया की ये मुहम्मद ﷺ की ज़ौजा का जनाज़ा है इसे ज़्यादा हरकत न दो  और बढ़े अदब से ले चलो फ़िर आप ही ने जनाज़ा पढ़ाया और जहा आपका हुज़ूर से निकाह हुवा था उसी मक़ाम पर आपकी क़ब्रे अनवर मौजूद है....
                 माओं-बहनो छोड़ो सब और इन मुक़ददस बीवियों को जानो इनसे मुहब्बत करो इनकी कनीज़ बनो इसी में आपकी फ़लाह छिपी हुई है...

अस्सलाम या उम्मुल मोमिनीन हज़रते मैमुनह रदियल्लाहो अन्हा...💐💐

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