सिरते_मुस्तफाﷺ

#सिरते_मुस्तफाﷺ 
हुजूर अक़दसﷺ के तमाम अस्माए मुबारका में दो नाम सबसे ज्यादा मशहूर है एक मुहम्मद दूसरा अहमद (ﷺ) आप ﷺ के दादा हजरत_अब्दुल_मुत्तलिब ने आप ﷺ का नाम मुहम्मद रखा और इसी नाम पर आप ﷺ का अक़ीक़ा किया जब लोगो ने पूछा
ए अब्दुल मुत्तलिब!
आपने अपने पोते का नाम मुहम्मद क्यो रखा??

एक रिवायत यह है कि आपने यह कहा कि मैंने इस उम्मीद पर मुहम्मद नाम रखा है कि
अल्लाह तआला आसमानों में इसकी तारीफ फरमाएगा और जमीन में खुदा की तमाम मखलूक इसकी तारीफ करेगी हजरत अब्दुल मुत्तलिब कि इस नियत और उम्मीद की ये वजह है कि

इन्होंने एक ख्वाब देखा था कि मेरी पीठ से एक चांदी की जंजीर निकली जिसका एक किनारा जमीन में है
और एक किनारा आसमान को छू रहा है तमाम मशरिक बा मगरिब के इंसान उस जंजीर से चिमटे हुए हैं

हजरत अब्दुल मुत्तलिब ने जब कुरैश के काहिनो से इस ख्वाब की ताबीर दरयाफ्त की तो

उन्होंने इस ख्वाब की ताबीर बताइ कि 

ए अब्दुल मुत्तलिब!
आपकी नस्ल से अन करीब एक ऐसा लड़का पैदा होगा कि

तमाम अहले मशरिक व मगरिब उसकी पैरवी करेंगे
और तमाम आसमान में जमीन वाले उस मदहो सना का खुतबा पढ़ेंगे!

और बाज कौल है कि
हुजूर सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम की वालिदा ए माजिदा हजरत आमिना रादिअल्लाहु तआला अन्हा ने आपका नाम मुहम्मद रखा है क्योंकि हुजूर जब इन के शिकम मुबारक में रौनक अफ़रोज़ थे तो उन्होंने ख्वाब में एक फरिश्ते को यह कहते हुए सुना था
कि
ए आमिना (रादिअल्लाहु तआला अन्हा!)
 सारे जहान के सरदार तुम्हारे शिकम में तशरीफ़ फरमा है जब येह पैदा हो तो तुम इनका नाम मुहम्मद रखना!
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सीरते मुस्तफा सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम
#उठो_हुज़ूर_ﷺ_की_बात_करो

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