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Showing posts from September, 2021

कब्र मे दफनाने के बाद का मंजर। साईंस की नज़र में

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साईंस की नज़र में तदफीन (दफनाने) के एक दिन बाद यानी ठीक 24 घंटे  बाद इंसान  की आंतों में ऐसे कीड़ों का गिरोह सरगर्म अमल हो जाता है जो मुर्दे के पाखाना के रास्ते से निकलना शुरू हो जाता है, साथ ही ना क़बीले बर्दाश्त बदबू फैलना शुरू करता है, जो दरअस्ल अपने हम पेशा कीड़ों को दावत देते हैं, ये ऐलान होता है के बिच्छू और तमाम कीड़े मकोड़े इन्सान के जिस्म की तरफ़ हरकत करना शुरू कर देते हैं और इन्सान का गोश्त खाना शुरू कर देते हैं- तद्फीन के 3 दिन बाद सब से पहले नाक की हालत तब्दील होना शुरू हो जाती है, 6 दिन बाद नाख़ून गिरना शुरू हो जाते हैं, 9 दिन के बाद बाल गिरना शुरू हो जाते हैं, इंसान के जिस्म पर कोई बाल नहीं रहता और पेट फूलना शुरू हो जाता है, 17 दिन बाद पेट फट जाता है और दीगर अजज़ा बाहर आना शुरू हो जाते हैं, 60 दिन बाद मुर्दे के जिस्म से सारा गोश्त ख़त्म हो जाता है, इंसान  के जिस्म पर बोटी का एक भी टुकड़ा बाक़ी नहीं रहता, 90 दिन बाद तमाम हड्डियां एक दुसरे से जुदा हो जाती हैं, एक साल बाद तमाम हड्डियां बोसीदा (मिट्टी में मिल जाना) हो जाती हैं, और बिल आख़िर जिस इंसान  को दफनाया गया थ...

QAYAMAT KE DIN JAB TAK BANDA INN 5 SAWALON KE JAWAB NAHI DEGA USKE QADAM HARKAT NAHI KARENGE.

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👉 QAYAMAT KE DIN JAB TAK BANDA INN 5 SAWALON KE JAWAB NAHI DEGA USKE QADAM HARKAT NAHI KARENGE.  🖍️ Mafhum e Hadith : ~ RASOOL-ALLAH (Sallallahu Ta'ala Alaihe Wasallam) Ne Farmaya : Qayamat ke Din Ibn Adam ke Qadam apne RABB ke Paas Se Us Waqt tak Harqat Nahi Karenge Jab tak Ussay Panch (5) Sawal na Kar liye Jaye  1. Uske Umar ke Mutalliq Umar kis Kaam Mein Khatam Ki.  2. Uski Jawani ke Mutalliq ke Kis Kaam Main Khatam Ki.  3. Uske Maal ke Mutalliq ki Maal Kaha se Kamaya.  4. Maal Kaha Kharch Kiya.  5. Aur Jitna Ilm tha Us par Kitna Amal Kiya  📚 (Al-Silsila-As-Sahiha-290)  ~ RASOOL-ALLAH (Sallallahu Ta'ala Alaihe Wasallam) Said : The Son of Adam Will Not Be Dismissed from Before his Lord on the Day of Resurrection Until he has Been Questioned About five Things :  1. About His life , How he Spent it,  2. About his Youth, How he Used it,  3. About his Wealth, How he Earned it,  4. And How he Disposed of it,  5. And How he...

आला_हज़रत. कलामुल_इमाम_इमामुल_कलाम

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मेहरे चर्खे नबुव्वत पर रोशन दुरूद....!!  गुले बागे रिसालत पे लाखों सलाम..!!  आसमाने नबुव्वतों रिसालत के सिराज़े मुनीर हमारे प्यारे आकाﷺ की ज़ाते वा बरकात पर चमकता हुआ रोशन और नूरानी दुरूद् नाज़िल हो... 🥰 और गुलशने बागे रिसालत के महकते हुए फ़ूल  रसूलों के रसूल अल्लाह ता'आला के प्यारे मेहबूबﷺ  की ज़ाते अकदस् पर लाखों सलाम हो ...  कियुंकी गुलिश्ताने नबुबतों रिसालत मे आपकेﷺ खिलने से ऐसी बहार आई के आपके बाद किसी गुन्छे के चटकने यानी नया नबी आने की गुंजाईश ही वाकी न रही..... 💐 #मतलब मेहर :- सूरज        गुल :- फ़ूल  चर्ख :- आसमान  बागे रिसालत :- रिसालत का बाग.. #आला_हज़रत #कलामुल_इमाम_इमामुल_कलाम

786 ka matlab.

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यौमे_विसाल...हुज़ूर ‎ﷺ ‏की सबसे आख़री ज़ौजा हज़रते मैमुना रदियल्लाहो अन्हा...

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#यौमे_विसाल... हुज़ूर ﷺ की सबसे आख़री ज़ौजा हज़रते मैमुना रदियल्लाहो अन्हा...                             आपके वालिद का नाम हारिस बिन हज़न है और इन की वालिदा हिन्द बिन्ते औफ है, हज़रते मैमुना का नाम पहले "बर्रा"था लेकिन हुज़ूर ﷺ ने इनका नाम बदलकर "मैमुना" (बरकत दहिंदा) रख दिया...     ये पहले अबू रहम बिन अब्दुल उज़्ज़ा के निकाह में थी मगर जब रसूलल्लाह ﷺ सात हिजरी में उमरतुल क़ज़ा के लिए मक्का शरीफ तशरीफ़ ले गए तो ये बेवह हो चुकी थी हज़रते अब्बास रदीयल्लाहो अन्हो ने हुज़ूर ﷺ से इनके बारे में गुफ्तगू की और आप ﷺ ने इनसे निकाह फरमा लिया और उमरतुल क़ज़ा से वापसी पर मक़ामे "सरीफ़" में इनको सपनी सोहबत से सरफ़राज़ फ़रमाया....                   हज़रते मैमुना रदियल्लाहो अन्हा की एक बहन "उम्मुल फज़ल लुबाबतुल कुबरा" हुज़ूर ﷺ के चिचा हज़रते अब्बास रदीयल्लाहो अन्हो के निकाह में थी जिनसे हज़रते अब्दुल्लाह बिन अब्बास रदियल्लाहो अन्हो पैदा हुवे थे...                 ...

क्या आप हजरत #इदरीस_अलैहिस्सलाम_ के बारे में जानते हैं?

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क्या आप हजरत #इदरीस_अलैहिस्सलाम_ के बारे में जानते हैं?👇 आप का नाम " अखनूख " है । आप हज़रते नूह अलैहिस्सलाम के वालिद के दादा हैं । हज़रते आदम . अलैहिस्सलाम के बाद आप ही पहले रसूल हैं । आप के वालिद हज़रते शीष बिन आदम - अलैहिस्सलाम हैं ।     सब से पहले जिस शख्स ने कलम से लिखा वोह आप ही हैं । कपड़ों के सीने और सिले हुवे कपड़े पहनने की इब्तिदा भी आप ही से हुई । इस से पहले लोग जानवरों की खालें पहनते थे ।               सब से पहले हथियार बनाने वाले , तराजू और पैमाने काइम करने वाले और इल्मे नुजूम व हिसाब में नज़र फ़रमाने वाले भी आप ही हैं । येह सब काम आप ही से शुरू हुवे ।       अल्लाह तआला ने आप पर तीस सहीफे नाज़िल फ़रमाए , और आप अल्लाह तआला की किताबों का ब कसरत दर्स दिया करते थे । इस लिये आप का लकब " इदरीस " हो गया , और आप का येह लकब इस क़दर मशहूर हो गया कि बहुत से लोगों को आप का असली नाम मालूम ही नहीं ।         और कुरआने मजीद में भी आप का नाम “ इदरीस " ही जिक्र किया गया आप को अल्लाह तआला ने आस...

तौहीद

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बहुत से लोग हुवे जिन्होने अपनी अक्ली दलाईल से  या अपनी तहकिक से  या कोई और ज़राए से ये तस्लिम कर लिया था कि इस कायनात का मालिक और खालिक सिर्फ एक है  जैसे कि साई बाबा जो सारी ज़िन्दगी कहते रहे ( जैसा कि सुना गया है ) सबका मालिक एक है  बहुत से लोग हुवे जिन्होने शिर्क ना किया ,ना किसी मखलुक को पुजा बल्कि वो वहदत यानी एक खुदा होने का तसव्वुर रखते थे ,,या यकिन रखते थे  लेकिन उसके बावजुद उनका ये एक खुदा को मानना या तसव्वुर करना ,फलसफा ,नज़रीया तो कहला सकता है लेकिन तौहीद नही कहला सकता और ईमान ना कहला सकता है  क्योकि तौहीद बनती ही जब है जब नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम कि खबर पर ईमान लाया जाए  यानी आपके ज़रीये यानी आपके वसिले से जब अल्लाह कि वहदत को मानोगे तब वो तौहीद बनेगी वर्ना वो खालिस नाॅलेज ,तसव्वुर ,नज़रीया ,फलसफा कहलाएगी तौहीद नही  इसलिये कुरान मे जब सुराह तौहीद ब्यान हुवी तो यु इरशाद फरमाया गया 👇👇 قُلۡ ہُوَ  اللّٰہُ  اَحَدٌ यानी - आप फरमा दे कि अल्लाह एक है ( सुराह इखलास आयत 1)  तो जब नबी फरमा दे कि अल्लाह एक है और आपके फरमा...

हजरत शैख सादी रहमतुल्लाह अलैह का कलाम ए दरुद ।

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आपको क्या लगता है हजरत शैख सादी रहमतुल्लाह अलैह ने ये कलाम ए दरुद युही लिख दिया ?  नही नही आईये आपको इसकी हकिकत बताते है वो भी कुरान कि रुह से 👇👇 بَلَغَ العُلیٰ بِکمالِہٖ کَشَفَ الدُّجیٰ بِجَمالِہٖ حَسُنَت جَمیعُ خِصالِہٖ صَلّو علیہِ و آِلہٖ यानी - वो पहुचे बुलन्दीयो पर अपने कमाल के साथ  आपके जमाल से तमाम अंधेरे दुर हो गये  आपकी तमाम खसलते हसीन है  आप पर आपकी आल पर लाखो दरुदो सलाम  बुलन्दीयो पर पहुचे कमाल के साथ सुनो कुरान फरमाता है 👇👇 وَ رَفَعۡنَا لَکَ ذِکۡرَکَ यानी - और हमने आपका ज़िक्र आपके लिये बुलन्द कर दिया ( सुराह नशराह आयत 4)  कायदा ये होता है कि सामने कोई चिज़ पेश करके कहा जाता है कि इस चिज़ से इस चिज़ को बुलन्द कर दिया  जैसे कुरान ने फरमाया 👇👇 وَ نَحۡنُ  اَقۡرَبُ اِلَیۡہِ  مِنۡ  حَبۡلِ  الۡوَرِیۡدِ यानी - और हम तुम्हारी शहे रग से भी ज्यादा करीब है ( सुराह काफ आयत 16 )  तो यहा इस आयत मे लफ्ज़े मिन फरमाकर शहे रग पेश कि गयी कि तुम्हारी रग से ज्यादा करीब हु  लेकिन उपर वाली आयत मे कोई मिन नही है कि हुजुर अलहीस्स...

हर परेशानी के बाद आसानी है ‎। ‏कुरान इरशाद फरमाता है ‎?فَاِنَّ مَعَ الۡعُسۡرِ یُسۡرًااِنَّ مَعَ الۡعُسۡرِ یُسۡرًا

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(हर परेशानी के बाद आसानी है )  कुरान इरशाद फरमाता है 👇👇 فَاِنَّ مَعَ الۡعُسۡرِ  یُسۡرًا اِنَّ مَعَ الۡعُسۡرِ  یُسۡرًا यानी - तो बेशक दुश्वारी के बाद आसानी है - बेशक दुशवारी के साथ आसानी है (सुराह नशराह आयत 5.6) इस आयत मे तलिकन है कि मुश्किल ,परेशानी ,दुख ,तकलिफ हमेशा नही है हर दुख के साथ आसानी है हजरत अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हु ने फरमाया कि अल्लाह ने एक तंगी और दौ आसानी पैदा फरमाई है  लिहाज़ा तंगी ,परेशानी दुख कभी जीत नही सकती क्योकि वो अकेली है  और सुख, आसानी , अमन ,चेन ,दौ जोङ के साथ पैदा कि गयी है  लिहाज़ा   जीत  आसानी कि होगी ,परेशानी के दिन निकल जाएगे और आसानियो कि   जीत  होगी  बस ज़रुरत है इन हालात मे सब्र ,इस्तिकामत ,हिम्मत की ।