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Showing posts from May, 2021

18 ज़िल हिज्जा बा मुताबिक 9 अगस्त उर्स ए पाक उस्मान ग़नी रदिअल्लाहु तआला अन्हु।

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18 ज़िल हिज्जा बा मुताबिक 9 अगस्त उर्स ए पाक उस्मान ग़नी रदिअल्लाहु तआला अन्हु।।*_ (हज़रत उस्मान ग़नी रजिअल्लाहु त'अला अन्हु) "आपका सिलसिलाये नस्ब इस तरह है उस्मान बिन अफ्फान बिन अबुल आस बिन उमैय्या बिन अब्दे शम्श बिन अब्दे मुनाफ,अब्दे मुनाफ पर आपका नस्ब हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम से जा मिलता है,और आपकी वालिदा का नाम उर्वी बिन्त करीज़ बिन रबिया बिन हबीब बिन अब्दे शम्श है ये हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की फूफी ज़ाद बहन थी|" ​आपकी सीरत एक पोस्ट में बता पाना नामुमकिन है मगर हुसूले फैज़ के लिए चंद हर्फ आपकी शान में लिखता हूं मौला तआला क़ुबूल फरमाये​| ➤आपकी विलादत आम्मुल फील यानि हाथी वाले वाक़िये के 6 साल बाद हुई| ➤आप हज़रत अबु बक्र व हज़रत अली व हज़रत ज़ैद बिन हारिसा के बाद ईमान लाये और आप चौथे मुसलमान थे| ➤आपका पहला निकाह हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की बेटी हज़रते रुकय्या रज़ियल्लाहु तआला अन्हा के साथ हिजरत से क़ब्ल हुआ,आप हर जंग में हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम के साथ ही रहे मगर जंगे बद्र में शरीक ना हो सके क्योंकि उस वक़्त हज़रते रुकय्या की तबियत बहुत ज़्याद...

हज़रत उस्मान रज़ी अल्लाहो अन्ह की शहादत।

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*हज़रत उस्मान रज़ी अल्लाहो अन्ह की शहादत* بِسْــــــمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِىْمِ اَلصَّــلٰوةُ وَالسَّلَامُ عَلَيْكَ يَا رَسُوْلَ اللّٰه ﷺ इब्ने सबा यहूदी की साज़िश और मरवान की शरारत से अहले बसरा को कूफे और मिस्र वाले हज़रत उस्मान रज़ी अल्लाहो अन्ह के बेगुनाह खून से हाथ रंगे बगैर ना रह सके चुनाँचे वो लोग हज़ारों की तअदाद में बलवा करके आ गए उस वक़्त सहाबा-ए-इक्राम ने अर्ज़ किया , *या अमीर-उल-मोमिनीन !* _आप हम को लड़ाई का हुक्म दीजिए ताके हम उनको मार भगायें ,आपने फ़रमाया के तुमको कसम है अल्लाह की ! मेरे लिए किसी मुसलमान का एक क़तरा खून ना गिराना ,मैं कयामत के दिन खुदा को क्या जवाब दूंगा ?_  सहाबाइक्राम ने कहा आप मक्का मोअज्जमा चले जाईये ,या मुल्क शाम चले जाईये वहाँ हज़रत मुआविया रज़ी अल्लाहो अन्ह हैं और उनका लश्कर है आपने फ़रमाया दोस्तो ! *मैं आखरी वक़्त में अपने नबी के मज़ार को किस तरह छोड़ कर चला जाऊँ ? हाँ ! मस्जिदे नबव्वी में चलता हूँ और उन लोगों से पूछता हूँ के तुम बिला वजह मुझे क्यों कत्ल करना चाहते हो।* चुनाँचे आप तशरीफ़ ले गए और उन बलवाईयों से खिताब फ़रमाया के ऐ मिस्री ...

आप_की_शहादत ( हज़रत उमर रज़ियल्लाहु तआला अन्हु)

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꧁꧂꧁꧂﷽‎꧁꧂꧁꧂ #आप_की_शहादत*  *बुखारी शरीफ में है कि हज़रत उमर रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने बारगाहे इलाही में दुआ कीः- या इलाहल आलमीन ! मुझे अपनी राह में शहादत अता फरमा और अपने रसूल के शहर में मुझे मौत नसीब फरमा*            ( _तारीखुल खुलफा : 90_ )  *हज़रत उमर रज़ियल्लाहु तआला अन्हु की दुआ इस तरह कबूल हुई कि हज़रत मुगीरा बिन शोअबा रज़ियल्लाहु तआला अन्हु के मजूसी मुलाम अबू लूञ्लू ने आप से शिकायत की कि उस के आका हज़रत : मुगीरा रोज़ाना उस से चार दिरहम वसूल करते हैं आप उस में कमी करा दीजिये , आप ने फरमाया कि तुम लोहार और बढ़ई का काम खूब अच्छी तरह जानते हो और नक्काशी भी बहुत उम्दा करते हो तो चार दिरहम यौमिया तुम्हारे ऊपर ज़्यादा नहीं हैं , इस जवाब को सुन कर वह गुस्से से तिलमिलाता हुआ वापस चला गया , कुछ दिनों के बाद हज़रत उमर रज़ियल्लाहु तआला अन्हु ने उसे फिर बुलाया और फरमाया कि तू कहता था कि “ अगर आप कहें तो मैं ऐसी चक्की तैयार कर दूं जो हवा से चले " उसने तेवर बदल कर कहा कि हां , मैं आप के लिये ऐसी चक्की तैयार कर दूंगा जिस का लोग हमेशा ज़िक्र  किया करेंगे...

मेरा यह लाडला मेरी उम्मत के हाथ से शहीद होगा -इमाम हुसैन रजि।

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(मेरा यह लाडला मेरी उम्मत के हाथ से शहीद होगा) •• 👉यूं तो हुज़ूर ﷺ को अपने तमाम ही उम्मतियों से मुहब्बत थी लेकिन आप अपनी बेटी हज़रत फ़ातिमा रज़ि०) को बहुत चाहते थे हज़रत फ़ातिमा आपकी सबसे छोटी बेटी थीं। हज़रत मौला अली शेरे खुदा करमल्लाहु वजहुल करीम' को हुज़ूर ﷺ ने ही पाला था उनसे हुज़ूर ﷺ बेटे की तरह मुहब्बत करते थे। आपने हज़रत फ़ातिमा रज़ि०) की शादी हज़रत मौला अली शेरे खुदा करमल्लाहु वजहुल करीम' से की थी उनके पेट से हज़रत मौला अली शेरे खुदा करमल्लाहु वजहुल करीम' के दो बच्चे हुए एक हज़रत हसन और दूसरे हज़रत हुसैन रज़ि०) इन दोनों ही बेटों की पैदाइश पर हुज़ूर ﷺ बेहद खुश हुए थे लेकिन हज़रत हुसैन रज़ि०) की पैदाइश के वक़्त हुज़ूर ﷺ का चेहरा यकायक फीका पड़ गया और आंखों में आंसू छलछला उठे। हज़रत मौला अली रज़ि०) ने आप के रोने की वजह पूछी तो आपने फ़रमाया ऐ अबू तुराब! मुझे जिब्राईल' ने खबर दी है कि मेरा यह लाडला मेरी उम्मत के हाथ से शहीद होगा। यह सुन कर हज़रत अली रज़ि०) की आंखें भी भीग आयी हज़रत फ़ातिमा रज़ि०) को जब यह खबर मिली तो उनका दिल बैठने लगा वह हुज़ूर ﷺ के पास तशरीफ़ लायी...

जब हजरत लूत अल्हिस्लाम की कोम ने बेहयाई के काम शुरु किये तो।

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जब हजरत लूत अल्हिस्लाम की कोम  ने बेहयाई के काम शुरु किये तो।      आपने  अपनी कोम से फ़रमाया किया तुम लोग वो बेहयाई  करते हो जो तुमसे पहले जहान में किसी से ना कि  तुम मर्दों के पास सोहवत के लिए जाते हो। औरतें छोड़कर। बल्कि तुम लोग हद से गुजर  गये हो कुरआन मजीद पारा 8 सूरह अहजाब।  आयत 80 से   81 जब कोम ने हजरत लूत अल्हिस्लाम की नसीहत को ठुकरा दिया।  और अपनी बद अमली पर अड़े रहे  तो अल्लाह रब्बुल आलामीन का    कहर अजाब की सुरत में इस कोम पर नाजिल हुआ।    पहले पत्थरो की बारिश हुई और सदीद पत्थर के बाद के उस पूरी आबादी को फरिश्तो ने उलट पलट कर दिया। जिससे पूरी बस्ती मिट गयी और उसका नाम व निशान सफ़े हस्ती से मिट गया  सिर्फ किताबो के सफाहत पर उनके करतूत ओर उनके अंजाम बद की लकीरें रह गयी हुजूर  खतामून नबीईन सल्लल्लाहु तआला अल्हि वसल्लम  इस फ़अले बद को ग़ुनाह करार देकर शख्ती के साथ अपनी उम्मत  को इस से मना फ़रमाया।  ओर ऐलान फ़रमाया  जो कोम लूत का अमल करें वो  मलऊन है मिश्कात शरीफ जिल्द 2...

Sayyiduna Umar bin Khattab eik inqilabi shaksiyat. ‏Hazrat Farooq e azam ek bemisaal ruler hain ‏ ‎.‏ ‏ ‏ ‏ ‏

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Sayyiduna Umar bin Khattab eik inqilabi shaksiyat; Hum yahan kuch aisi baatein zikr karenge jisse aam taur par awam waqif nahi hai. Hazrat Farooq e azam ek bemisaal ruler hain Aap ke daure khilafath me islami hukumat ki wus'at gair mamuli taur par badti chali gayi. Egypt, iraq, iran, palestine, syria, north africa aur armenia jaise ilaqe saltanate islamia me dakhil hogaye the. Aapne apne waqt ke do super powers (rome aur iran) ko shikast di thi. Aap sirf futuhaat par focus nahi karte balke un ilaqon ke nazam o nasq par zyaada tawajjo dete. Hazrate Farooq e azam ki bemisaal hukmrani, adalat aur aapki futuhaat ko western writers ne bhi bahut saraha hai. Aap public policy par zyada focus karte aur public ki zarooriyat par zyaada tawajjoh dete. Itni badi saltanat ke khalifa ki haisiyath se aapka nazariya ye tha ke koi bhi apki khilafat me bhooka na soye, hatta ke apne farmaya tha "agar kutta bhi dariyae furat ke kinare bhooka mar jaye to Umar uska zimmedar hoga" (mafhoom) Aap...

क्या मस्जिद में कुर्सी पर बैठकर नमाज़ पढ़ सकते हैं।

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 क्या मस्जिद में कुर्सी पर बैठकर नमाज़ पढ़ सकते हैं ⁉️  बिल्कुल पढ़ सकते हैं,नमाज़ किसी हालत में माफ नहीं है अब अगर खड़ा होकर नहीं पढ़ सकता तो बैठकर पढ़े बैठकर नहीं पढ़ सकता तो लेटकर पढ़े इशारे से पढ़े,अगर ग़ुस्ल या वुज़ू पर क़ादिर नहीं है तो तयम्मुम करके पढ़े,मगर पढ़े,लेकिन कुर्सी पर बैठकर या युंही बैठकर नमाज़ पढ़ने में इतना ज़रूर है कि अगर खड़ा होकर तक्बीरे तहरीमा कह सकता है तो कह ले फिर बैठे,क्योंकि अगर इतना कर सकता था मगर नहीं किया तो नमाज़ नहीं होगी युंही वो औरतें जो हमेशा बैठकर ही नमाज़ पढ़ती हैं उनकी भी नमाज़ नहीं होती कि उनके लिए भी खड़े होकर नमाज़ पढ़ना फर्ज़ है,अक्सर बअज़ लोगों को देखा गया है कि खड़े होकर घंटों फिज़ूल बात करते रहते हैं और जब नमाज़ की बात आती है तो बैठकर या कुर्सी पर नमाज़ पढ़ते हैं इस सूरत में बैठकर नमाज़ नहीं होगी,ये बात भी ज़हन में रहे कि अगर मस्जिद जाने में थक जाता है और वहां बैठकर नमाज़ पढ़ना पड़ेगा लेकिन घर में ही नमाज़ पढ़ता है तो खड़े होकर पढ़ सकता है तो इस सूरत में घर में ही खड़े होकर नमाज़ पढ़े,यानि बैठकर लेटकर और इशारों से नमाज़ वही पढ़ेगा और उसी की नमाज़ होगी जो हक़ीक़त में उसके लायक हो...

Raat ke andhere me nakhun kaatna bila subha jaiz he.

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[ Raat ke andhere me nakhun kaatna bila subha jaiz he. Imame Aazam Abu Hanifa Radiyallahu anhu se Imam Abu Yusuf alaihirrahma ne raat me nakhun tarashne ke mutalliq sawal pucha to aapne farmaya: Jaiz he. Harun Rashid ne kaha: Iss pr kya dalil he. To aapne farmaya: *“حکي أن ہارون الرشید سأل أبا یوسف رحمہ اللہ تعالی عن قص الأظافیر في اللیل فقال: ینبغي فقال ما الدلیل علی ذلک فقال: قولہ علیہ السلام: ”الخیر لا یوٴخر“*  یعنی بھلائى کے کام مىں تاخىر نہ کى جائے (yaa'ni bhalai ke kaam mein takhir na ki jaaye)  ( 📚فتاویٰ ھندیہ،جلد ۵ صفحہ ۳۵۸ )  واللہ تعالی اعلم بالصواب [ MASALAH " naakhun kaat kar un ko pakhane ya ghusl khane me daalna makrooh  hai aur is se bemari paida hoti hai." ◾(BAHAR E SHAREAT. PART. NO. (16)

शैतान का दोस्त वो दुशमन-

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*_शैतान का दोस्त वो दुशमन_*  *एक मर्तबा खुदा ने शैतान को हुक्म दिया कि मेरे महबूब की बारगाह में हाज़िर हो और वो जो पूछें उसका जवाब दो,ये हाज़िर हुआ हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने पूछा कौन तो कहने लगा शैतान फिर पूछा क्यों आये हो तो कहने लगा कि खुदा ने भेजा है कि आप के सवालों का जवाब दूं,हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने कहा कि मेरी उम्मत में तेरे दुश्मन कितने हैं तो कहने लगा 15* *1. आप,सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम* *2. इन्साफ पसंद हाकिम* *3. सखी दौलतमंद* *4. सच्चा ताजिर* *5. आलिम बा अमल* *6. नेक मर्द व औरत* *7. रहम दिल मोमिन* *8. तौबा करने वाला* *9. हराम से बचने वाला*  *10.बा वुज़ू रहने वाला*  *11.सदक़ा करने वाला* *12.अच्छे अख्लाक वाला*  *13.लोगों को फायदा देने वाला* *14.क़ुर्आन पढ़ने वाला* *15.रात को उठकर नमाज़ पढ़ने वाला* *फिर आप सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने उससे पूछा कि तेरे दोस्त कितने हैं तो कहने लगा 10* *1. ज़ालिम हाकिम* *2. घमंडी* *3. खयानत करने वाला* *4. बुरा दौलतमंद* *5. शराबी* *6. चुगल खोर* *7. रिया कार* *8. सूद खोर*  *9. यतीम का माल खाने वाला*...

हसनैन करीमैन के अलावा क्या हुज़ूर के और भी नवासे हैं ⁉️

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#__सवाल – हसनैन करीमैन के अलावा क्या हुज़ूर के और भी नवासे हैं ⁉️ #__जवाब – हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम की 4 बेटियां थी हज़रते ज़ैनब हज़रते रुकय्या हज़रते हज़रते उम्मे कुलसुम व हज़रते फातिमा ज़ुहरा रज़िययल्लाहु तआला अन्हुम हज़रते ज़ैनब का निकाह अबुल आस बिन रबिअ से हुआ,ये निकाह हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने अपने ऐलाने नुबूवत से पहले ही कर दिया था,7 हिजरी में अबुस आस ईमान लाये,हज़रते ज़ैनब रज़िययल्लाहु तआला अन्हा के 1 बेटा अली और 1 बेटी उमामा थीं,हुज़ूर हो हज़रते उमामा से बहुत मुहब्बत थी हज़रते रुकय्या का निकाह अबू लहब के बेटे उत्बा से हुआ मगर विदाई न हुई थी कुछ अरसे बाद जब सूरह तब्बत यदा नाज़िल हुई और उसमे अबू लहब की मज़म्मत हुई तो उतबा ने अपने बाप के कहने पर हज़रते रुकय्या को तलाक़ दे दी,बाद में उनका निकाह हज़रते उस्माने ग़नी रज़िययल्लाहु तआला अन्हु से हुआ जिनसे आपको 1 बेटे अब्दुल्लाह हुए,बीमारी की वजह से 20 साल की उम्र में ही आपका विसाल हो गया और आपके विसाल के बाद 6 साल की उम्र में हज़रत अब्दुल्लाह का भी इंतेकाल हो गया हज़रत बीबी रुकय्या के इंतेक़ाल के बाद हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम ने ह...

#ना बन सकीं हैं ना बन सकेगा#मिसाल तेरी ‎ﷺ ‏जवाब तेरा ‎ﷺ

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तेरे खुल्क़ को हक ने अज़ीम कहा       तेरी खिल्क को हक ने जमील किया....! कोई तुझ सा हुआ ना होगा शहा ﷺ !         तेरे खालिके हुस्नों अदा की कसम...! या नूरे मुजस्सम आकाﷺ अल्लाह ने आपकी खुल्के मुबारक ( यानी अखलाक ) को अज़ीम ( यानी बहुत बड़ा ) करार दिया है  और आपकी ﷺ विलादते वा सआदत हज़ारो सआदतें और बरकते ले कर आई   ऐसी निराली वा हसीन किसी की पैदाइश  ना हुई   करीम आका ﷺ भला आपकी तरह कोन हो सकता है  हां ! हां !  ज़मीन आसमान पैदा करने वाले की कसम आप जैसा कोई नहीं  कियूकि अपनी हर खूबी में तन्हा आप ﷺ हैं 😍 फिर हम कियू ना कहें 👇👇 #ना बन सकीं हैं  ना बन सकेगा #मिसाल तेरी ﷺ जवाब तेरा ﷺ

हज़रत उमर फ़ारूक़ रज़ीयल्लाहु ताअला अन्हु ।

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हज़रत उमर फ़ारूक़ रज़ीयल्लाहु ताअला अन्हु जब मुसलमान हुए नमाज़ का वक़्त हुआ तो हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया सहाबा तैयारी करो नमाज़ की,हज़रत उमर फ़ारूक़ रज़ीयल्लाहु ताअला अन्हु ने पूछा..हुज़ूर नमाज़ कहा पढ़ेंगे ? हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया किसी कोने में छुप के पढ़ते है,उमर फ़ारूक़ ने कहा हुज़ूर आपके क़दमों पे मेरे माँ बाप क़ुर्बान,अगर अब भी छुप के नमाज़ पढ़े तो उमर के मुसलमान होने का क्या फ़ायदा ? उमर फ़ारूक़ ने कहा हुज़ूर आज नमाज़ काबातुल्लाह में पढ़ेंगे. हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया उमर कुफ़्फ़ार का बड़ा गलबा है, वाह..! मेरे खुदा , उमर फ़ारूक़ घोड़े पे सवार हुए मक्का के चोकों पे जाकर.. गलियों में जाकर.. अपने घोड़े पे सवार होकर.. चलते हुए ये ऐलान किया के मक्के वालों..! आजाओ.. आज मैं कलमा पढ़ के मुहम्मद मुस्तफ़ा ﷺ का ग़ुलाम बनकर आया हूँ, आज हम काबातुल्लाह में नमाज़ पढ़ने जा रहे है, अगर किसी ने अपनी बीवियाँ बेवाह करवानी हो अगर किसी ने अपने बच्चे यतीम करवाने हो तो आ जाए उमर के रास्ते को रोक कर दिखाए, खुदा की क़सम जब उमर फ़ारूक़ रज़ीयल्लाहु ताअला अन्हु मुसलमान हुए तो मक्के के काफ़िरों ने गलियों में निकल कर मातम कि...

NAMAZI KE AAGE KA FASLA

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NAMAZI KE AAGE KA FASLA ARZ:- Namazi ke aage kitni lambai aur chaudai wali cheez honi chahiye ke uske aage se guzarne wala gunehgar na ho? IRSHAD:- Halat e namaz men namazi ke aage se guzarne wale ke baare men hadees sharif men badi waeed aai hai, yeshadeed gunah hai.  Namazi ke aage kisi aisi cheez ka hona jo uske liye aad aur ooat ban jaye aur jis ke baad namazi ke samne yaa aage guzarne wala gunehgaar na ho, Ise fiqhi istelah men "sutrah" kehte hain.  Uski miqdar ye hai ke lambai1 se 3 hath ke barabar ho aur motai kam-az-kam 1 ungli ke barabar.  Namazi ko chahiye ki sutrah apne maqam e sajdah ke aage nasab kar de agar zameen sakht ho aur lagana dushwar ho to rakh de.  Baaj fuqha ne kaha hai ke sutrah ke liye agar kuch bhi dastiyab na ho to namazi apne aage khat khich de ya mehrab ke haiat (shakal) bana le , ye goya mahez alamati sutrah hoga.  Agar kisi khule maidan me ba-jamat namaz ho rahi ho to sirf imaam ke aage sutrah kafi hai, sab muqtadion ke liye zaroo...

اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى سَيِّدِنَا مُحَمَّدٍ كَمَا أَمَرْتَنَا أَنْ نُصَلِّيَ عَلَيهِ وَصَلِّ عَلَى سَيِّدِنَا مُحَمَّدٍ كَمَا يَنْبَغِي أَنْ يُصَلَّى عَلَيهِ.

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اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى سَيِّدِنَا مُحَمَّدٍ كَمَا أَمَرْتَنَا أَنْ نُصَلِّيَ عَلَيهِ وَصَلِّ عَلَى سَيِّدِنَا مُحَمَّدٍ كَمَا يَنْبَغِي أَنْ يُصَلَّى عَلَيهِ . . Allahumma salli `ala Sayyidina Muhammadin kamaa amartana an nusalliya `alayhi wa salli `ala Sayyidina Muhammadin kamaa yambaghi an yusallaa `alayh. . . O Allah, exalt our Master Muhammad (ﷺ) as You ordered us to exalt him and bless our Master Muhammad (ﷺ) as he should be blessed. . A Single duroodh will give you a minimum of 40 benefits- 10 Rahmat, 10 Hasanaat, 10 Sins forgiven, 10 Ranks raised in jannah ~ Shaykh Al Hadith Hazrat Maulaana Abdul Raheem (hafidhahullah

Hazrat Ameer Hamza ibn Abdul Muttalib radiy-Allāhu ta’ala anhu.

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Hazrat Ameer Hamza ibn Abdul Muttalib radiy-Allāhu ta’ala anhu : ♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦♦ Alqaab : ‾‾‾‾‾‾‾‾ Asad-ur-Rasool, Sayyed-ush-Shohada. ********** Aap ki wilaadat 567 A.D. me Makka me hui. Aap ke waalid ka naam Hazrat Abdul Muttalib ibn Haashim aur waalida ka naam Haala bint Uhayb hai. Aap Quraish ke Banu Haashim qabeele se ta’alluq rakhte hain. Aap Huzoore akram Rasool-Allāh sallallāhu alaihi wa sallam ke Chacha aur Ahle bait hain. ********** 3 Nabawi (616 A.D.) me ek baar shikaar se waapas aaye to Abdullāh bin Jad’aan ki baandi se Aap ko pata chala ki Abu Jahl ne safa ki pahaadi ke qareeb Huzoor Rasool-Allāh sallallāhu alaihi wa sallam ko bahot bura bhala kaha hai aur phir un par patthar se hamla kiya hai. Aap use talaash karte hue Ka’aba me pahunche. Abu Jahl apne saathiyo ke saath waha baitha tha. Aap ne kaha ‘Tum ne Muhammad (sallallāhu alaihi wa sallam) ko takleef di hai. Ab main us ka badla lunga.’ Ye kehkar Aap ne us ke sar par waar kiya, jis se wo jakhmi ho gaya. Phir Aa...

अल्हम्दुलिल्लाह की फ़ज़िलत:::

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:::अल्हम्दुलिल्लाह की फ़ज़िलत::: 1. अल्हम्दुलिल्लाह से मीज़ान भर जाऐगा । [मुस्लिम] 2. बहतरीन दुआ अल्हम्दुलिल्लाह है । [तिर्मिजी] 3. नेमत मिलने पर अल्हम्दुलिल्लाह कहना मिलने वाली नेमत से अफ़ज़ल है । [इब़्न माजह] 4. 100 बार अल्हम्दुलिल्लाह कहना अल्लाह पाक की राह मे 100 लगाम चढ़ाऐ हुऐ घोड़े देने की तरह है । [अहमद] 5. अल्हम्दुलिल्लाह जन्नत मे दरख़्त लगाने का एक बीज है । [तिर्मिजी] 6. अल्हम्दुलिल्लाह कहने पर जन्नत मे एक दरख़्त लगा दिया जाता है । [इब़्न माजह] 7. अल्हम्दुलिल्लाह बाक़ी रहने वाली नेकीयों मे से है । [हाकिम] 8. अल्हम्दुलिल्लाह कहना सदक़ा है । [मुस्लिम] 9. अल्हम्दुलिल्लाह वही कलमा है जिस ने हज़रत नुह अलैहिस्सलाम को अल्लाह पाक का शुक्र गुज़ार बन्दा बना दिया । [अहमद] 10. खाना खा कर शुक्र अदा करने वाला सब्र करने वाले रोज़ेदार की तरह है । [तिर्मिजी] आप खाना खा कर अल्हम्दुलिल्लाह कह कर यह फ़ज़िलत हासिल कर सकते हो । 11. अल्लाह पाक बन्दे से राज़ी होता है जब वह खाना खा कर अल्हम्दुलिल्लाह पढ़े या पि कर अल्हम्दुलिल्लाह पढ़े । [मुस्लिम] 12. आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम जब छिंकते तो अल्हम्दुलिल्लाह...

ग़ार_ए_सौर_का_वो_साँप जिसने हिजरत के मौक़े पर हज़रते अबूबक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहो अन्हु को डसा था....

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#ग़ार_ए_सौर_का_वो_साँप जिसने हिजरत के मौक़े पर हज़रते अबूबक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहो अन्हु को डसा था....  वो साँप आक़ा ए करीम ﷺ की ज़ियारत के लिए हज़ारों साल से मुन्तज़िर था । हज़रत ईसा रूहुल्लाह अलैहिस्सलाम एक मर्तबा कहीं तशरीफ ले जा रहे थे । साँप को पता चला कि इस रास्ते से हज़रत ईसा गुज़रेंगे..जब आप का गुज़र हुआ तो साँप आप की ख़िदमत में हाज़िर हुआ और अर्ज किया - या रूहुल्लाह...!! राहे मक्का किधर है..?? आप ने पूछा - तुझे राहे मक्का से क्या मतलब..? साँप ने कहा - या नबी उल्लाह... 600 साल हो गये । मेरा दिल इश्क ए मुहम्मदी में तड़प रहा है और फिराक़े मोहम्मद ﷺमें मेरा जिस्म सूख कर लगर हो गया है । हज़रत ईसा ने फरमाया - अभी अपने दिल को ठन्डा रख मेरे और उनकी तशरीफ़ आवरी में 600 साल दर पेश हैं । साँप ने अर्ज किया - मेरी तो रग-रग में इश्के मोहम्मदी बस चुका है । या नबी करम फरमायें और बराये मेहरबानी मक्का का रास्ता बतायें । मेरे लिए यही बेहतर है कि मैं अपने महबूब की याद में जान दे दूँ । चुनाँचे हज़रत ईसा अलैहीस्सलाम ने उस साँप को मक्के का रास्ता दिखाया । साँप चल पड़ा रास्ते में कई द...

गवर्नर नजमुद्दीन अय्यूबी काफी उम्र होने तक शादी से इंकार करता रहे? क्यूँ...

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☆अस्सलामु अलैकुम वारह्मतुल्लाहि वाबरकातुहू 🕋 ●गवर्नर नजमुद्दीन अय्यूबी काफी उम्र होने तक शादी से इंकार करता रहे? ●एक दिन उनके भाई असादुद्दीन शेर कोह ने उनसे कहा! ●भाई तुम शादी क्यों नही करते.? ●नजमुद्दीन ने जवाब दिया, "मैं किसी को अपने काबिल नही समझता"? ●यह सुन कर असादुद्दीन ने कहा! ●मैं आपके लिए रिश्ता मांगू.? ●नजमुद्दीन ने कहा किसका रिश्ता.? ●👉मलिक शाह बिन सुलतान मुहम्मद बिन मलिक शाह सलजूक की बेटी का या वज़ीरूल मुल्क की बेटी का.? ●यह सुनकर नजमुद्दीन बोले वह मेरे "लायक" नहीं असादुद्दीन धक से रह गया! ●फिर कौन आपके "लायक" होगी.? ●नजमुद्दीन ने जवाब दिया!☝️ ●मुझे ऐसी "नेक बीवी" चाहिए, जो मेरा हाथ पकड़कर मुझे जन्नत ले जाए...👫 और उससे मेरा एक ऐसा बेटा पैदा हो,🤺जिसकी वह बेहतरीन तरबियत करे,👉वह शहसवार हो और मुसलमानों का "किब्ला ए अव्वल" वापस ले!⚔️ ●असादुद्दीन को नजमुद्दीन की बात पसंद ना आई और उनसे कहा! ●ऐसी लड़की आप को कहां मिलेगी? ●नजमुद्दीन ने जवाब दिया!☝️ ●नियत में खुलुस हो तो अल्लाह नसीब करेगा!😍 ●यह सुनकर असादुद्दीन खामोशी से उन्हें त...

#सुल्तान_मोहम्मद_फातेह ‎رحمة الله عليه ‏ओर आपकी फोज ने कुस्तुनतुनिया ‎(इस्लाम बोल,इस्तांबोल,) ‏फतह ‎किया ‎था।

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#اِنّا_فَتَحْنَا_لَکَ_فَتْحًا_مُّبِیْنَا 😍❤️😍 आज ही के दिन 29 मई 1453 को 53 दिन के लंबे मुहासरे के बाद #सुल्तान_मोहम्मद_फातेह  رحمة الله عليه ओर आपकी फोज ने कुस्तुनतुनिया (इस्लाम बोल,इस्तांबोल,) फतह क्या था।                हुज़ूर अकरमﷺकी बिशारत की वजह से फतह कुस्तुनतुनिया (इस्तंबोल) मुसलमानों का दरीना ख्वाब था कई मर्तबा कोशिशें हुईं खुद सुल्तान मोहम्मद फातेह के वालिद #मुराद_सानी ने भी काफी अर्सा तक मुहासिरा क्या पर कमियाबी उन का नसीब ना बनी लेकिन सुल्तान मुराद के बाद खुद सुल्तान मुराद के बेटे सुल्तान मोहम्मद फातेह को फतह हासिल हुई😍❤️                 ओर आज तुर्की 568वा यौमे फतह मना रहा है الحمدلله।            अल्लाह करीम हमे फिर सल्तनत का साया नसीब फरमाएं

कितनी मोहब्बत है अल्लाह को अपने मेहबुब सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम से

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(कितनी मोहब्बत है अल्लाह को अपने मेहबुब सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम से )  जब कुरान नाज़िल होना शुरु हुवा और हजरत जिबराईल अलहीस्सलाम वही लाते तो आप सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम जल्दी जल्दी उस वही को अपनी जु़बाने पाक से दोहराते ताकी कुरान को हिफ्ज़ कर ले  आप बहुत मशक्कत करते कुरान को मेहफुज़ करने के लिये  तो अल्लाह को अपने मेहबुब कि ये तकलिफ ग्वारा ना हुवी अल्लाह ने फोरन आयते करीमा नाज़िल फरमा दी ये वाली 👇👇 لَا تُحَرِّکۡ بِہٖ لِسَانَکَ لِتَعۡجَلَ بِہٖ  यानी -आप अपनी जुबान को जल्दी मे हरकत ना दो याद करने के लिये ( सुराह कियामा आयत 16)  सुब्हान अल्लाह,,किस कदर ख्याल है अल्लाह को अपने मेहबुब का ,मना फरमा दिया ज़ुबान को हरकत देने के लिये भी ताकी आपको कोई तकलिफ ना हो ,, फिर फरमाया 👇👇 اِنَّ عَلَیۡنَا جَمۡعَہٗ  وَ  قُرۡاٰنَہٗ यानी - बेशक इसका जमा करना और पढाना हमारे जिम्मे है ( सुराह कियामा आयत 17 )  यानी ऐ मेहबुब आप तकलिफ ना उठाए हम इस कुरान को आपके सिने मे जमा कर देंगे और आपकी जुबाने मुबारक पर इसकी आयतो कि तिलावत भी जारी फरमा देंगे ।

be kindness and forgiveness

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- गैंग रेप नसीब मे क्यो लिखा गया बेटीयो के ?

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- गैंग रेप नसीब मे क्यो लिखा गया बेटीयो के ?  जवाब - सबसे पहले तो ये जानने कि ज़रुरत है कि नसीब ,तकदीर ,लक ,ये है क्या इसकी हकिकत क्या है  दर असल  तकदीर ,,इल्मे इलाही का नाम है यानी अल्लाह के ईल्म का नाम तकदीर है ,,( ईमाम नववी रहमतुल्लाह अलैह कि शराह अरबाईन सफा 44)  अल्लाह जो मखलुक व कायनात को पैदा करने से पहले से ही जानता था कि जो वो तखलिक कर रहा है वो क्या अमल करेगी क्या काम करेगी ,,तो जो मखलुक जो करने वाली थी वो सब उसके लोहे मेहफुज़ पर लिख दिया  इसको इस तरह मिसाल से समझते है 👇👇 एक मेकिनिकल इन्जिनियर जब कोई गाङी चाहे वो कार हो या बाईक हो जब बनाता है तो उसका माईलेज उसकी स्पिड उसकी उम्र सबकुछ तय कर देता है  अब आम इन्सान ना उसकी स्पिड बढा सकता है ना उम्र ना माईलेज  जैसे अगर बाईक 200 सी सी स्पिड कि है क्या एक आम इन्सान इस स्पिड को बढाकर 250 कर सकता है ?) नही  इसी तय शुदा लेख को तकदीर ए मुतलक कहते है  लेकिन बाईक या कार को अगर कोई आम इन्सान एक दरमियानी स्पिड ,सही देख रेख सही मेनटेन से चलाए तो गाङी कि सर्विस बढ जाती है ,,इसका डाईरेकश इन्जिनियर ए...

क्या आप इन सात सवालों के जवाब जानते हैं??

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क्या आप इन सात सवालों के जवाब जानते हैं?? सवाल नम्बर 1  जन्नत कहाँ है?  जवाब:  जन्नत सातों आसमानों के ऊपर सातों आसमानों से जुदा है, क्योंकि सातों आसमान क़यामत के वक़्त फ़ना और ख़त्म होने वाले हैं,  जबकि जन्नत को फ़ना नहीं है, वो हमेशा रहेगी, जन्नत की छत अर्शे रहमान है, सवाल नम्बर 2:  जहन्नम कहाँ है?  जवाब:  जहन्नम सातों ज़मीनों के निचे ऐसी जगह है जिसका नाम "सिज्जिन"है, जहन्नम जन्नत के बाज़ू में नहीं है जैसा कि बाज़ लोग सोंचते हैं, जिस ज़मीन पर हम लोग रहते हैं यह पहली ज़मीन है, इसके अलावा छह ज़मीन और हैं, जो हमारी ज़मीन के निचे हमारी ज़मीन से अलहिदा ओर जुदा है, सवाल नम्बर 3:  सिदरतल मुंतहा क्या है:  जवाब:  सिदरत अरबी में बेरी /और बेरी के दरख़्त को कहते हैं, अलमुन्तही यानी आख़री हद,  यह बेरी का दरख़्त वो आख़री मुक़ाम है जो मख़लूक़ की हद है, इसके आगे हज़रत जिब्राइल भी नहीं जा पाते हैं,  सिदरतल मुंतहा एक अज़ीमुश्शान दरख़्त है,इसकी जड़ें छटे आसमान में और ऊँचाई सातवें आसमान से भी बुलन्द है, इसके पत्ते हाथी के कान जितने ओर फ़ल बड़े घड़े जैसे हैं, इस पर सुनहरी त...

👉Suicide👈 Khud_Kushi Karne WaLeShayad Samajhte HainHamari Jaan #ChhootJayegi Lekin......

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#ASSALAM_U_ALAIKUM ............................................. ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ 👉Suicide👈 #Khud_Kushi Karne WaLe Shayad Samajhte Hain Hamari Jaan #Chhoot Jayegi #Lekin...... ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ 👇 🥀▬▬▬🥀▬▬▬🥀▬▬▬🥀 Loha_Hathiyaar_Zaher_Se #Khud_Kushi_Ki_To... 🥀▬▬▬🥀▬▬▬🥀▬▬▬🥀 Hazrat Abu Huraira RaziALLAHanhu Se Riwayat Hai 'ALLAH' PAK Ke Peyare RASOOLALLAH ﷺ‎‬ Ka Farman Hai : Jo Pahaad 'HiLL' Se Girkar Khud_Kushi Karega Wo Naare Dozakh Me Hamesha Girta Rahega Aur Jo Shakhs Zaher Khaa Kar Khud_Kushi Karega Wo Naare Dozakh Me Hamesha Zaher Khaata Rahega. Jisne Lohe Ke Hathiyaar Se Khud_Kushi Ki To Dozakh Ki Aag Me Wo Hathiyaar Uske Haath Me Hoga Aur Wo Us Se Apne Aap Ko Hamesha Zakhmi Karta Rahega. (Sahi Bukhari Shareef Hadees 5778 Jild 4 Safha 43) 👇 🥀▬▬▬🥀▬▬▬🥀▬▬▬🥀 #Hadees_Pak Me Hai Jo Shakhs Jis Cheez Ke Saath Khud_Kushi Karega Wo Jahannam Ki Aag Me Usi Cheez Ke Saath #Azaab Diya Jayega. (Sahi Bukhari Shareef Jild 4 Safha 289 Hadees 6652) 👇 🥀▬▬...

रास्ते_का_खतरा_टल_गया

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रास्ते_का_खतरा_टल_गया* सफीउद्दीन अबू अब्दुल्लाह हुसैन बिन अबी मन्सूर फरमाते हैं कि:       "मैं शाम के शहर हमस में क़ियाम पज़ीर था मिस्र जाना चाहता था- मगर रास्ते में फिरंगियों,अरबों और गाजरियों की वजह से खतरा था- उनकी वजह से आमदो रफ्त का सिलसिला भी मुन्क़तअ (टूटा हुआ) था- इसी परेशानी के आलम में मुझे नींद आ गई- ख्वाब में नबी ए अकरम ﷺ की ज़ियारत से मुशर्रफ हुआ-" मैंने अर्ज़ किया:         "या रसूलल्लाह ﷺ ! मैं आपकी पनाह में हूं-" आप ﷺ ने फ़रमाया:          "तुम्हे खौफज़दा होने की ज़रूरत नहीं है-" मैंने दोबारा अर्ज़ की तो आप ﷺ ने फ़रमाया:       "तुम्हे किसका खतरा है? तुम किसी चीज़ का खौफ ना रखो-" मैंने तीसरी बार अर्ज़ की कि:        "दुश्मन बहुत ज़्यादा हैं-" आप ﷺ ने फ़रमाया:         "तुम्हे किस चीज़ का खतरा है?" इसके बाद मैं बेदार हो गया- फिर हमस से मिस्र की तरफ आज़मे सफर हुआ- मिस्र पहुंचने तक मैंने और मेरे साथियों ने कोई परेशानी ना देखी- हालांकि हर तरफ क़त्लो गारत जारी थी..!!" ...

सीरत ‎ए ‎मुस्तफा सल्ल्लाहु ‎अलैहि ‎वसल्लम्।

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Subhan Allah

Sabse Pahla Badsha Jisne Sooli Ki Saza Di. Kaun Hai Aur Kisko Di ?

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Kya Aap Jante Hain? Sawal: Sabse Pahla Badsha Jisne Sooli Ki Saza Di. Kaun Hai Aur Kisko Di ? Jawab: Firauon Pehla Badshah Hai Jisne Haath Pair Katne Aur Sooli Ki Saza Di, Un Jadu Garon Ko Jo Hazrat Moosa Alaihissalam Par Imaan Laye The. [Khaza-E Nul Irfan,P 9,R 5] Sawal: Sabse Pehle Duniya Me Kaunsa Janwar Bimar Huwa? Jawab: Woh (Sher) Janwar Bimar Huwa Jo Kashtiye Nooh Me Sawar Tha, Ye Sher Pahla Janwar Hai Jo Duniya Me Bimar Huwa. Abi Ibn Hatim Ki Riwayat Hai Ke Rasoolallah Swallallahu Alaihi Wasallam Ne Farmaya: Hazrat Nooh Alaihissalam Jab Tamam Janwar Ko Apni Kashti Me Sawar Kar Chuke To Logon Ne Kahake Sher Ki Maujoodgi Me Baqi Janwar Kaise Aaram Se Rah Sakenge. Tab Allah Pak Ne Sher Par Bukhar Daldiya Jisse Woh Chupchap Baitha Raha,Isse Pehle Zameen Par Ye Bimari Nahi Thi. Sawal: Rooh Qabz Karne Ke Liye "Malkal Maut" Kitne Farishton Ko Apne Saath Le Kar Aate Hain? Jawab: Momin Ki Rooh Qabz Karne Ke Liye Malkal Maut Apne Hamraah "Rahmat" Ke 6 Lakh Farishte La...

विलाद्ते नबी।

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अल्लाह तआला क़ुरआन में इरशाद फरमाता है कि.... ऐ ईमान वालो! मेरी रहमत और मेरी नेअमतों की खूब चर्चा करो और खुशियाँ मनाओ हुजूर ﷺ से बढ़ कर ना कोई रहमत है ना कोई नेअमत وَمَا أَرْسَلْنَاكَ إِلَّا رَحْمَةً لِلْعَالَمِينَ° तर्जुमा-:और हमने आप कोﷺ तमाम जहानो के लिए रहमत बना कर भेजा..... وَ اَمَّا بِنِعْمَةِ رَبِّكَ فَحَدِّثْ۠ तर्जुमा-:और अपने रब की नेअमतों की खूब चर्चा कर     बढ़े बदबख्त लोग हैं जो हुजूर ﷺ की विलादत मुबारक़ की खुशी मनाने के बजाए शैतान की सुन्नत(रोना पीटना) पूरी करते हैं!

ईद ‎मिलदुन् ‎नबि ‎ ‎पर् ‎खुशी ‎बनाना।

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कहते हो इस दिन वफात हुवी ईसलिये खुशी ना मनाओ ,जश्न ना मनाओ ,ईद ना मनाओ अरे नादानो नबीयो कि वफात भी जिस दिन होती है वो दिन भी अफज़ल होता है  अबु दाऊद कि हदीस मे जुम्मे कि अफज़लियत ब्यान करते हुवे नबी ए करीम सल्लल्लाहू अलैह व सल्लम ने फरमाया कि इसी दिन आदम कि विलादत हुवी और इसी दिन विसाल हुवा  तो अगर नबीयो कि विसाल का दिन अगर माज़ अल्लाह मातम करने का होता तो जुम्मा हरगिज़ अफज़ल ना होता  और वैसे भी नबी ए करीम और तमाम नबी अपने जसद ए मुबारक के साथ जि़न्दा है और उन्हे रिज़्क दिया जाता है पढो हदीस ए मुबारक 👇👇 حَدَّثَنَا عَمْرُو بْنُ سَوَّادٍ الْمِصْرِيُّ ، حَدَّثَنَا عَبْدُ اللَّهِ بْنُ وَهْبٍ ، عَنْ عَمْرِو بْنِ الْحَارِثِ ، عَنْ سَعِيدِ بْنِ أَبِي هِلَالٍ ، عَنْ زَيْدِ بْنِ أَيْمَنَ ، عَنْ عُبَادَةَ بْنِ نُسَيٍّ ، عَنْ أَبِي الدَّرْدَاءِ ، قَالَ : قَالَ رَسُولُ اللَّهِ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ : " أَكْثِرُوا الصَّلَاةَ عَلَيَّ يَوْمَ الْجُمُعَةِ فَإِنَّهُ مَشْهُودٌ تَشْهَدُهُ الْمَلَائِكَةُ ، وَإِنَّ أَحَدًا لَنْ يُصَلِّيَ عَلَيَّ إِلَّا عُرِضَتْ عَلَيَّ صَلَاتُهُ ح...

मीलादुन्नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के मौके पर झण्डा लगाना कहाँ से साबित है?

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 मीलादुन्नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के मौके पर झण्डा लगाना कहाँ से साबित है?  ─────────────     ‌‌ईमाम सुयूती रहमतुल्लाहि अलैहि बयान करते हैं कि "हुजूरे अकदस सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के तशरीफ लाने के वक्त हज़रत जिबरईल अमीन सत्तर हजार फरिश्तों के झुरमुट में हुजूरे अकदस सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के आस्ताना मुबारक पर तशरीफ़ लाए और जन्नत से तीन झण्डे भी लेकर आए, उनमें से एक झण्डा पूरब में गाड़ा, एक पश्चिम में और एक काबा मुअज्जमा पर।"  ───────────── (दलाइलुन्नुबुव्वा, हिस्साः 1, पेजः 82) ───────────── रूहुलअमी ने गाड़ा काबे की छत पे झण्डा ताअर्श उड़ा फरेरा सुबहे शबे विलादत  ───────────── अल-हम्दु लिल्लाह मीलादुन्नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर झण्डा लगाना फरिश्तों की सुन्नत है।

मिलादुन्नबी सल्लल्लाहू अलैह व सल्लम के दिन खुब सलाम ही सलाम भेजो क्योकि कुरान कहता है।

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(मिलादुन्नबी सल्लल्लाहू अलैह व सल्लम के दिन खुब सलाम ही सलाम भेजो क्योकि कुरान कहता है 👇👇 وَسَلَامٌ عَلَيْهِ يَوْمَ وُلِدَ وَيَوْمَ يَمُوتُ وَيَوْمَ يُبْعَثُ حَيًّا  और सलामती है उसपर जिस दिन पैदा हुआ और जिस दिन वफात होगी और जिस दिन  उठाया जाएगा( सुराह मरयम आयत 15) अल्लाह ने फरमाया जिस दिन यहया अलैहीस्सलाम कि विलादत व वफात हुवी उस दिन सलामती हो  यानी नबियो कि मिलाद पर भी सलाम और वफात पर भी सलाम  यही इरशाद हजरत ईसा अलैहीस्सलाम के ताल्लुक से भी हुवा 👇👇 وَالسَّلَامُ عَلَيَّ يَوْمَ وُلِدْتُ وَيَوْمَ أَمُوتُ وَيَوْمَ أُبْعَثُ حَيًّا  और वही सलामती मुझ पर जिस दिन मैं पैदा हुआ और जिस दिन वफात पाऊ और जिस दिन ज़िन्दा उठाया जाऊं ( सुराह मरयम आयत 33) तो सलाम ही सलाम है नबियो कि विलादत पर वफात पर तो क्यो ना सलाम नबीयो के सरदार हुजुर रहमते आलम सल्लल्लाहू अलैह व सल्लम पर 
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Azeem Neki(Do Pyaar Karne Waalo Ko Milana)

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Azeem Neki (Do Pyaar Karne Waalo Ko Milana)  Zubaida Khatoon Rahimahallah Ne Makka Shareef Ke Raaste Mein Ek Deewar Par Likha Dekha : اما فی عباداللہ اوفی امائہ  کریم یجلی الھم عن ذاھب العقل لہ مقلة اما المآقی قریحة واماالحشافالنار منہ عن رجل Kya Allah Ke Bando Ya Baandiyo Mein Koi Bhi Aisa Sakhi Nahin Jo Us Deewana -e- Ishq Ka Gham Ghalat Kar Sake Jis Ke Gosha Haaye Chashm Zakhm Khurda Hain Aur Man Ki Aag Qadmo Tak Pahunch Rahi Hai Zubaida Ne Mannat Maani Ke Agar Ye Sher Likhne Waala Mujhe Mil Gaya To Use Us Ke Mahboob Tak Pahuncha Doongi Ye Jab Maqam -e- Muzdalifa Pahunchi To Dekha Ke Ek Shakhs Wahi Ash'aar Gunguna Raha Hai Inhone Us Se Puchha To Wo Kehne Laga : "Ye Ash'aar Maine Apni Chacha Zaad Ke Liye Likhe Hain, Jis Ke Ghar Waalo Ne Qasam Kha Rakhi Hai Ke Wo Is Ka Nikah Mere Saath Nahin Karenge"  Zubaida Khatoon Ne Ladki Ke Ahle Khana Se Raabta Kiya Aur Unhein Bahut Saara Maal Pesh Kar Ke Nikah Ke Liye Raazi Kar Liya  Nikah Ke Baad Maloom Hua Ke Ladki, Ladke Se...

Kya Islam Pyaar Karne Ki Ijazat Deta Hai?

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Kya Islam Pyaar Karne Ki Ijazat Deta Hai?  Ek Ladke Ne Mujh Se Sawal Kiya Ke Kya Islam Kisi Ladki Se Pyaar Karne Ki Ijazat Deta Hai?  Us Ki Muraad "Shadi Se Pehle" Waala Pyaar Thi Maine Kaha : Jis Tarah Aaj Kal Pyaar Hota Hai, Us Ki Ijazat To Nahin Deta Lekin Agar Kisi Ko Pyaar Ho Jaaye To Islam Us Ki Rahnumayi Zaroor Karta Hai Awwalan To Pyaar Ki Beemari Se Bachne Ki Poori Koshish Karni Chahiye Lekin Agar Kisi Ko Kisi Se Pyaar Ho Jaaye To Sabr Se Kaam Lena Chahiye, Pyaar Ek Ghair Ikhtiyari Amal Hai Jis Par Qaabu Paana Bahut Mushkil Hai, Ye Fitri (Natural) Hai Jis Se Jung Kar Ke Jeetna Mumkin Nahin  Pyaar Karne Waalo Ko Daantne, Maarne Aur Sakhti Karne Se Behtar Hai Ke Unhein Pyaar Se Samjhaya Jaaye Aur Jahan Tak Ho Sake Un Ki Madad Ki Jaaye Yaani Un Ka Nikah Karwa Diya Jaaye Agar Hum Un Ke Saath Zabardasti Karte Hain To Fitne Ka Andesha Hi Nahin Balki Yaqeen Hai Nabiye Kareem ﷺ Ka Farman Is Silsile Mein Harfe Aakhir Hai : لم یر للمتحابین مثل النکاح (ابن ماجہ، مشکوٰۃ)...